भारत माता की आरती में जुटी रमन सरकार, भगत सिंह की सिर कटी प्रतिमा भूले

रायपुर. देश के शहीदों को याद करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान के तहत भाजपा ने शनिवार को शंकर नगर रोड से पंडरी जाने वाली नई कैनाल रोड पर भारत माता की आरती का आयोजन किया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री के अलावा दो मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पांडे तथा भाजपा और संघ के कई पदाधिकारी शामिल हुए।

तामझाम और भीड़भरे इस आयोजन से महज पचास कदम दूर, शहीदे आजम भगत सिंह की खंडित प्रतिमा उसी तरह उपेक्षित रह गई, जैसी पिछले 10 महीने से है। एसआरपी चौक, जहां से पूरी सरकार पिछले दो हफ्ते से विधानसभा जाने के लिए दिन में कई बार गुजर रही है, वहां लगी इस खंडित प्रतिमा का आज भी उद्धार नहीं हुआ और न ही किसी ने इसे देखने की जहमत ही उठाई।

महाआरती के लिए भाजपा नेताओं ने अलग से भारत माता की प्रतिमा का इंतजाम किया है। एक भारत-एक राष्ट्र के लिए देश के 122 जगहों से मिट्टी इकट्ठा कर इस प्रतिमा को बनाया गया है। इसे 20 फरवरी को नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। भारत माता की इसी प्रतिमा की आरती उतारी गई। माना जा रहा है कि मुख्यत: यह कार्यक्रम आरएसएस के निर्देश पर भाजपा ने आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में सीएम-मंत्रियों के अलावा कई विधायक और आला नेता शामिल हुए। नगर निगम में भाजपा के आला पदाधिकारी भी इस आयोजन में शरीक हुए, लेकिन किसी ने यह जानने की जरूरत नहीं समझी कि भगत सिंह की प्रतिमा का उद्धार आखिर कब होगा?

अमर शहीद को भूले

कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए जवानों की जिस जगह शहादत हुई थी, वहां से मिट्टी लाकर प्रतिमा बनाई गई है। अभियान के राष्ट्रीय संयोजक महेश गागड़ा ने कहा कि यूपीए सरकार की गलत सुरक्षा नीति के चलते पड़ोसी देशों की घुसपैठ जारी है। पड़ोस के सैनिक भारतीय जवानों का सिर काटकर ले जा रहे हैं। कार्यक्रम में शहीद सैनिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान हुआ, लेकिन किसी को शहीदे आजम की न तो याद आई, न ही पास में लगी प्रतिमा ही नजर आई।

शहीदे आजम पर राजनीति

शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के साथ मई 2013 में कुछ लोगों ने छेड़छाड़ की थी। उनकी हैट वाली प्रतिमा से सिर को अलग किया और वहां पगड़ी वाला सिर फिट कर दिया। इस मामले में काफी बवाल हुआ। रातों रात पगड़ी वाला सिर हटाया गया और हैट वाला सिर गर्दन पर रखकर चिपक दिया गया। इस मामले में निगम के जोन कमिश्नर और पार्षद मृत्युंजय दुबे ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन इस मामले में आज तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
मूर्ति लगाने के लिए समाज से बातचीत कर निकालेंगे रास्ता
बन गई है नई प्रतिमा
॥ समाज के लोगों से बात हो गई है। सिख समाज की ओर से नई प्रतिमा भी तैयार करवाई जा चुकी है। जल्द ही इस शंकर नगर चौक पर स्थापित कर दिया जाएगा।
बृजमोहन अग्रवाल, कृषि मंत्री
अनुमति मिलते ही लगा देंगे
॥ समाज ने चंडीगढ़ से शहीद भगत सिंह की प्रतिमा बनवाई है। इसे लगाने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन के पास आवेदन किया है। अनुमति मिलते ही प्रतिमा लगा देंगे।
जगजीत अरोरा, अध्यक्ष, छग सिख फोरम

आवेदन मुझे नहीं मिला
॥ सिख समाज की ओर से किया गया आवेदन फिलहाल मुझे नहीं मिला है। प्रतिमा के लिए समाज के लोगों से बातचीत के बाद ही आगे का रास्ता तय किया जाएगा।
डॉ. किरणमयी नायक, महापौर

वादे जिनका पता नहीं
दैनिक भास्कर ने यह खबर ब्रेक की थी। इसके बाद कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल और पार्षद मृत्युंजय दुबे ने अपने खर्च पर प्रतिमा बदलवाने की बात कही। महापौर ने प्रतिमा बदलने के लिए नोटशीट भी चलाई। कुछ दिन में पूरा मामला नगर निगम के ढर्रे पर आ गया। एक अफसर ने फाइल पर टीप लिखी कि हैट वाली प्रतिमा बनवाएं या पगड़ी वाले। इस टीप का आज तक निराकरण नहीं हुआ। महापौर चाहती हैं कि वहां हैट वाली प्रतिमा लगे। सिख समाज वहां पर पगड़ी वाली प्रतिमा के लिए अड़ा हुआ है। इस वजह से दस महीने से भगत सिंह की खंडित प्रतिमा ही चौराहे पर लगी है।