जब पुलिसकर्मी के घर हुई चोरी.. तब पुलिस की कार्य प्रणाली मे उठे ये सवाल.?

अम्बिकापुर. जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के दो सुने मकान में हुई चोरी की बड़ी वारदात ने पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख दी है. चोरी की इस वारदात के बाद इस बात को नकारा नही जा सकता कि पुलिस भगवान भरोसे चल रही है. और पुलिस से ज्यादा सक्रिय चोर हो गए हैं. और इस घटना के बाद तो कुछ लोगों का पुलिस से भरोसा ही उठ जाएगा.

दरअसल, अम्बिकापुर से झारखंड जाने वाले मुख्य मार्ग से लगे तकिया रोड इलाके के दो माकान मे बीती रात चोरी की घटना हुई है. जिन दो घरो मे चोरी की वारदात हुई है उनमे से एक मकान एसपी आफिस के विशेष शाखा मे पदस्थ आरक्षक इमरान गालिब का है, तो दूसरा मकान शिक्षक का है. दरअसल दोनो घर के लोग त्यौहार की छुट्टी मे बाहर घर गए हुए थे. और जब आज त्यौहार मना कर घर लौटे तो दोनो घर के ताले टूटे मिले और घर के अंदर का सामान बिखरा पडा मिला. जिसके बाद पीडित दोनो परिवार के लोगो का मानना है कि उनके घर मे करीब 4 लाख रूपए की चोरी हुई है.

भगवान चाहेगा तो मिल जाएगा

जिस पुलिस के आरक्षक इमरान गालिब के घर चोरी हुई है. उसका अपने ही विभाग के लोगो पर आरोप है कि इससे पहले भी उसके घर मे चार लाख की चोरी हो चुकी है. लेकिन कोतवाली थाना के लोगो ने कोई कार्यवाही करने के बजाय ये कह कर अपना पलडा छाड लिया था कि भगवान चाहेगा तो सब मिल जाएगा.

इंस्पेक्टर साहब का बचकाना जवाब

शहर के जिस स्थान पर चोरी की ये वारदात हुई है. वहां से चंद दूरी पर शहर के दो निजी अस्पताल , फारेस्ट कॉलोनी, और रिहायसी इलाका है. लेकिन उसके बाद भी चोरों के हौसला देखकर ये लगता है कि चोरो और अपराधियों पर पुलिस की पकड ढीली पडती जा रही है. वही एक साथ आजू बाजू के दो घऱ मे चोरी की वारदात के बाद मौके पर पहुंचे, कोतवाली थानेदार दिलबाग सिंह की माने तो दो घरो के ताले टूटे हैं. लेकिन अभी चोरी का आकलन नही हो पाया है.. इतना ही नही इंस्पेक्टर साहब ने अपनी साख बचाने के लिए चोरी का वारदात को छोटा बताने का प्रयास भी किया है.

पुलिस गश्ती पर सवाल

चोरी छोटी हो या बडी चोरी तो चोरी होती है. फिर चाहे ताला टूटा हो या फिर ताला तोडकर चोर पिकनिक मनाने आए हों. लेकिन साहब को अपनी गश्ती वाले मामले को भी तो ढांकना है. तो भला वो चोरी को छोटी चोरी क्यों ना कहें. बहरहाल चोरी की इस वारदात के बाद पुलिस जांच विवेचना की बात कह रही है. तो वहीं पीडित परिवार दूसरी बार चोरी की वारदात का शिकार हुआ है. ऐसे मे पुलिस कार्यप्रणाली औऱ उसकी गश्ती पर सवाल उठना भी लाजमी हैं.