बढ़ रहे अत्याचार व दुष्कर्म के ख़िलाफ़ भाजपा के महिला मोर्चा ने बुलंद की आवाज.. सरकार पर लगाए ये आरोप..

रायपुर: प्रदेश में बढ़ रहे अत्याचार और दुष्कर्मों की घटनाओं के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा और महिलाओं ने आवाज उठाई ।भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा और महिलाओं ने संयुक्त तत्वावधान में लगातार घट रहीं अत्याचार और दुष्कर्म की वारदातों के खिलाफ धरना दिया । इसके बाद अजजा व महिला मोर्चा ने राज्यपाल अनुसुइया उईके को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी , उचित मुआवजे की मांग की और इन मामलों की निष्पक्ष जाँच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की।

धरना स्थल पर उपस्थित पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल का कहना है की भूपेश-सरकार जब से प्रदेश की सत्ता में आई है, छत्तीसगढ़ को किसी की नज़र लग गयी है। बलात्कारों का सिलसिला चल पड़ा है। महिला सशक्तिकरण, महिला स्वाभिमान और अस्मत की सुरक्षा के तमाम सरकारी दावे दम तोड़ चुके हैं।

अग्रवाल ने कहा कि जब शासक कमजोर होता है तो व्यवस्थाएं अनियंत्रित हो जाती है। पुलिस की इतनी ताकत हो जाती है कि एफआईआर के लिए घूस मांगते है। इन अन्याय के ख़िलाफ़ भाजपा की बहनों, भाइयों को अब कोई पुलिस, जेल का भय नहीं रोक सकता।

पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भूपेश-सरकार को चूड़ी और चुन्नी की ग़ुनहगार सरकार बताया और कहा कि ‘ला, दे, और ले जा’ मतलब पैसा ला के दे, और पद लेकर जा ही इस सरकार की परिभाषा रह गई है। ऐसी सरकार से जनता को जगाना है और दुराचार की व्यवस्था का अंत करना है।

भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि ये सरकार छत्तीसगढ़ के आदिवासी वर्ग के सम्मान की कीमत वसूलती है। एक थानेदार पीड़ित परिवार से 15 हज़ार रुपए मांगता है! इस सरकार को बताना पड़ेगा कि इसमें किस-किसकी कितनी हिस्सेदारी है?

पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यहाँ के आदिवासी भोले हैं परंतु अगर उनके सम्मान से खिलवाड़ नहीं रुका तो वे भाला बनकर सरकार के खिलाफ चुभ सकते है। कार्यक्रम को महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष चंद सुंदरानी ने आभार माना।