इस गांव के लोगो को प्यास बुझाने के लिए बहाना पड रहा है पसीना…..

1 किलोमीटर दूर नदी का पानी पीने पर मजबूर ग्रामीण

सूरजपुर (बिश्रामपुर से पारसनाथ सिंह) शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट अपना पांव परसने लगा है । कई गाँवो में स्थिति ये है कि परिवार के लोग सभी काम छोडकर दिनभर पानी की व्यवस्था करने में जूटे रहते हैं। हम बात कर रहे है सूरजपुर से लगे ग्राम पंचायत सरस्वतीपुर की । जहां पेयजल व्यवस्था की जद्दोजहद अब लोगो के लिए मुसीबत बन गया है। लेकिन इस विकरास स्थिती के बाद भी प्रशासन द्वारा अब तक पेयजल की कोई व्यवस्था  नहीं की हैं। आलम ये है कि जल संकट के साथ ही एक तरफ जहां गांव की नलजल योजना भी जवाब दे चुकी है । तो  गिरते जल स्त्रोत के कारण गांव के नलकूपो से पानी की एक बूंद भी नही निकल रही हैं । इससे पेयजल संकट विकराल रूप लेता जा रहा है।इस गांव में करीब चार हैंडपम्प हैं जिसमे एक सही है ।

इसी गांव के वार्ड नंबर 5 केंवटा पारा की बात करें तो यहाँ लगभग 70-80 घर हैं ।  यहां के लोगो को गर्मी के दिनों में पीने के पानी के लिए काफी दिक्कतो का सामना करना पडता है , और बरसात के दिनों में यहां के रहवासी कुंए के पानी से अपना काम चलाते हैं। लेकिन गर्मी के दिनो में विकरास गोती पानी की समस्या के बीच गांव वालो को तपती धुप में एक किलोमीटर दूर रेण नदी से पानी लाना पड रहा है। इस समस्या को लेकर गांव के लोगो ने  कई बार ग्राम सभा और लोक सुराज में आवेदन दिया है । लेकिन शायद इन प्यासे लोगो की आवाज शायद इनती धीमी पड गई है उसकी गूंज जिम्मेदारी अधिकारियो तक नही पहुंच पा रही है।

गौर करने वाली बात है कि अप्रैल के बाद जब मई माह मे ही जल संकट की ये स्थिती है तो फिर जून माह की भयावह स्थिती के बारे मे अंदाज लगाना ज्यादा मुश्किल नही होगा।  इधर लोगो का मानना है कि अगर ग्राम पंचायत अभी वार्डो में पेयजल संकट का निराकरण कर लेती है तो स्थिति नियंत्रण मे आ सकती है क्योकि सप्ताह भर बाद यहाँ पेयजल संकट और गहराने लगेगा । फिलहाल इस समस्या को लेकर ग्रामवासियों  मे जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर आक्रोश है।

क्या कहते है स्थानिय लोग

  1.  शिवबरन सिंह (सरपंच) – ग्रामवासियो ने लोक सूराज में आवेदन दिये हैं। उसका जल्द से जल्द निराकरण किया जायेगा।
  2. गीता बाई गोंड – दूर से पानी लाने में बहुत दिक्कत होती है ।
  3. देवकरण सिंह गोंड (उम्र 75 ) -बुजुर्ग होते हुए भी मुझे बहुत दूर नहाने जाना पड़ता है।
  4. गोवर्धन केवट (पूर्व उप सरपंच) – कुएं का पानी भी सुख गया है जिससे एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है । सरपंच ,सचिव को और  लोक सुराज में आवेदन दिया गया है । और सरपंच, सचिव से पूछने पर कहते है , उच्च विभाग में भेजे है।, लेकिन उसका आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है ।