कंप्यूटर घोटाला में लिप्त अधिकारियो से लाखो की वसूली का आदेश : RTI में हुआ था खुलासा

  • आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी नें किया मामले का खुलासा
  • लोकपाल ने माना करोड़ो का कम्प्यूटर कबाड़ में तब्दील
  • कम्प्यूटर घोटाले में 20 लाख की वसूली का किया अनुशंसा
  • मामला जिला पंचायत में मनरेगा के तहत 2010 में की गई 592 कम्प्यूटर खरीदी का

अम्बिकापुर

आरटीआई कार्यकर्ता डी.के सोनी की शिकायत पर जांच उपरांत लोकपाल ( मनरेगा ) ने 27 सितंबर 2015 को आवार्ड पारित किया है । बिना टेंडर के किये गए जिला पंचायत कार्यालय में दो करोड़ रूपये की कम्प्यूटर खरीदी के मामले में तात्कालिन सहायक विकास अधिकारी डा. तनवीर अहमद से 20 लाख रूपये वसूली व एपीओं डीआर खूटे पर पांच हजार रूपये अर्थदण्ड़ लगाये जाने व दोनो पर सेवा श्र्तों के अनुरूप भ्रष्ट आचरण के लिए विधिक कार्यवाई किये जाने की अनुशंसा की गई है।

गौरतलब है कि वर्ष 2010 में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को ईमस्टर रोल की योजना से जोडने के लिए कम्प्यूटर की खरीदी की गई थी । सरगुजा जिला पंचायत में कम्प्यूटर खरीदी में करीब सवा दो करोड़ रूपये का घोटाला आरटीआई के माध्यम से उजागर हुआ था। आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने मामले से जुडे दस्तावेजों को आईटीआई के माध्यम से निकलवाकर लोकपाल मनरेगा नागेन्द्र तिवारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी । शिकायत में उन्हांेने  बताया था कि वर्ष 2010 में सरगुजा की 592 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने व ईमस्टर रोल शुरू करने के लिए कम्प्यूटर की खरीदी की गई थी । खरीदी सीएसआईडीसी के अंतर्गत पंजीकृत संस्था से ही की जानी थी इसके लिए टेंडर करना भी जरूरी था । लेकिन खरीदी के लिए कोई टेंडर नहीं किया गया था । दस्तावंेजों में इस बात का जिक्र है कि सवा दो करोड़ रूपये के कम्प्यूटर खरीदने के लिए किसी भी नियम व शर्तो का पालन नहीं हुआ इसके बाद भी जिला पंचायत में रायपुर की दो कंपनियों को कम्प्यूटर सप्लाई का आदेश दे दिया । दिनेश सोनी ने जिला पंचायत के अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने  व जांच की मांग करते हुए जिला पंचायत मनरेगा के लोकपाल नागेन्द्र तिवारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई थी । शिकायत की जांच के बाद 27 सितंबर 2015 को आवार्ड पारित करते हुए उन्होने सहायक विकास अधिकारी डा. तनवीर अहमद से 20 लाख 27 हजार 6 सौ 65 रूपये वसूली की अनुशंसा की है।  इसके साथ ही सेवा शर्तो के अनुरूप भ्रष्ट आचरण्