“सीमेंट के माध्यम से असम चुनाव की वसूली, 240 का सीमेंट 330 में बिकने लगा”… ट्रांसपोर्टर हड़ताल के पीछे सरकार का षड़यंत्र- बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार के उपर सीमेंट की कृत्रिम कमी पैदा करवा कर सीमेंट की काला बाजारी करवाने का आरोप लगाया है। 235-240 रूपये का सीमेंट 15 दिनों में ही देखते-देखते 325-330 रूपये बोरी में बिकने लगा है। प्रदेश में सीमेंट ढूंढने से नहीं मिल रहा है। बाजार में सीमेंट की काला बाजारी सर्वत्र व्याप्त है और सरकार सीमेंट के माध्यम से ‘‘असम चुनाव’’ की वसूल रही है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत में सबसे बड़े सीमेंट निर्माता राज्य में सरकार के संरक्षण में ट्रांसपोर्टरों ने मालभाड़े को लेकर पिछले 21 दिनों से हड़ताल कर रखी है और सरकार के पास उद्योगपति एवं ट्रांसपोर्टरों को बिठाकर बीच का रास्ता निकालने की फुरसत नहीं है। सरकार के संरक्षण में ही ट्रांसपोर्टरों के द्वारा कराये जा रहे इस हड़ताल के चक्कर में पूरे प्रदेश में सीमेंट का परिवहन बंद हो गया है। सीमेंट की कृत्रिम कमी पैदा कर दी गई है। पूरे प्रदेश में गरीबों का प्रधानमंत्री आवास बनना बंद हो गया है। सड़क, भवन निर्माण का कार्य बंद हो गया है। गरीब जनता को दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ गरीबो को सीमेंट का मनमाना रेट देना पड़ रहा है वहीं उनके निर्माण कार्य की दर भी बढ़ गई है और गरीब जनता को मजबूरी में 240 रूपये का सीमेंट अब जनता को 330 रूपये बोरी में लेना पड़ रहा है। सरकार 21 दिनों से हड़ताल तुड़वाने की बजाय कंपनियों के उपर दबाव बनाकर ‘‘असम चुनाव’’ का खर्च वसूली में व्यस्त है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि सीमेंट की कमी व रेट में बेदहाशा वृद्धि के चलते शासकीय योजनाओं के सारे निर्माण कार्य बंद हो गए है। कांग्रेस सरकार ‘‘असम चुनाव’’ के वसूली के चक्कर में ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल खत्म करवाने व सीमेंट की सहजता से उपलब्धता कराने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि एक ओर जहां प्रदेश की जनता को बाजार से सीमेंट की कमी के चलते लूटा जा रहा है, वहीं रेल्वे के रैंक के माध्यम से बाहर भारी तादात में सीमेंट की सप्लाई भी की जा रही है।