राज्य के पढ़ना-लिखना अभियान की वार्षिक कार्य योजना केन्द्रीय अनुमोदन बोर्ड के समक्ष की गई प्रस्तुत…पांच वर्ष में प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर करने का है लक्ष्य

रायपुर: बुनियादी साक्षरता पर केन्द्रित पढ़ना-लिखना अभियान छत्तीसगढ़ में भी संचालित किया जाएगा। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा साक्षरता विभाग की सचिव अनिता करवल की अध्यक्षता में आयोजित परियोजना अनुमोदन बोर्ड की ऑनलाईन बैठक में छत्तीसगढ़ के पढ़ना-लिखना अभियान की वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की गई।

अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की गई वार्षिक कार्ययोजना छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में संचालित की जाएगी। इस वर्ष बचे हुए समय में ढ़ाई लाख निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा और अगले पांच वर्षों में प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य है।

छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से राज्य साक्षरता मिशन के संचालक एवं सदस्य सचिव डी. राहुल वेंकट ने पढ़ना-लिखना अभियान की कार्ययोजना की प्रस्तुति दी। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के आकांक्षी जिलों, नक्सल प्रभावित जिलों, राष्ट्रीय एवं राज्य की साक्षरता दर से कम औसत वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी।

अभियान में नवाचारी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक डी. राहुल वेंकट द्वारा विगत 19 अक्टूबर को प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता और डाईट के प्राचार्यों की ऑनलाईन बैठक लेकर पढ़ना-लिखना अभियान की जानकारी प्रदान करते हुए उनसे अपने-अपने जिले की कार्ययोजना का प्रस्ताव मंगाया था।