Raid in Chhattisgarh: महादेव सट्टा एप्प में BJP नेता शामिल, अडानी भी भाजपा में शामिल, इसलिए ED नही करती कार्रवाई, CM बघेल का बयान

रायपुर. छत्तीसगढ़ में लगातार ईडी की छापेमार कार्रवाई जारी है इसी बीच आज मंगलवार की सुबह ईडी आ धमकी। कोयला से जुड़े कारोबारी, और विधायक के घर ईडी के छापे पड़े हैं। इस मामलें पर सीएम बघेल का बयान सामने आया है उन्होंने सीधे केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

छत्तीसगढ़ में पड़े ईडी छापे पर बोले सीएम बघेल

आज छत्तीसगढ़ में फिर ईडी के छापे पड़े हैं। उद्योगपति, व्यापारी, ट्रांसपोर्ट विधायक, अधिकारी, किसान कोई ऐसा वर्ग बचा नहीं है जहां छापा ना डाला हो। छापा नहीं डलता तो केवल मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात कर्नाटक में, लगता है वहां ईडी का ऑफिस ही नहीं है। महाराष्ट्र में जब तक उद्धव ठाकरे तक की सरकार थी। तब तक ईडी, सीबीआई, सेंट्रल एजेंसी सब सक्रिय थी। जैसे ही सरकार बदली खरीद-फरोख्त हुआ उसके बाद से उसका कोई काम नही रहा है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के नेता और राष्ट्र नेताओं द्वारा सब किया जा रहा है। ईडी निष्पक्ष होना चाहिए।

कर्नाटक में जहां 6 करोड़ एक विधायक के यहां मिला उसको बेल मिल गया। आज पता चला हाई कोर्ट ने उस बेल को खारिज कर दिया। वहां छापा नहीं डालते यह स्थिति देश की है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर अडानी जिसका 60% संपत्ति की कमी आ गई। वहां ईडी का छापा नही पड़ता, सीबीआई कार्रवाई नहीं करती। लाखों करोड़ों रुपया फसा है।

यहां नान में चिटफंड कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते, मैंने सुना है महादेव ऐप में भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के नेताओं के भी नाम आ गए हैं इस कारण से महादेव ऐप के बारे में बीजेपी के लोग चर्चा करते नहीं। ईडी कोई कार्रवाई नही कर रही है।

अमित शाह के शब्दों में यह क्रोनोलॉजी समझिए। जैसे ही राहुल जी लोकसभा में बोले, यहां रायपुर के अधिवेशन में उन्होंने कहा उसके बाद लोकसभा पूरी बाधित हो गई। सत्ता पक्ष द्वारा चलने नहीं दिया गया। माफी मांगने के नाम से, उसके बाद गुजरात के कोर्ट में कर्नाटक के मामले में जो केस लगाया था मानहानि का उसको गुजरात में शिकायत की गई। शिकायतकर्ता अपनी ही केस में हाई कोर्ट में स्टे ले लिया। 2019 का मामला है। 7 फरवरी को जैसे ही राहुल जी ने यह बात कही 16 फरवरी को हाईकोर्ट में स्टे लगा। 16 मार्च तक सब सुनवाई हो गया। 23 मार्च को फैसला आ गया। 24 मार्च को सदस्यता रद्द कर दी गई। यह इसी प्रकार की क्रोनोलॉजी है।

अडानी को हटाने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने की मांग करें। उसकी जांच की मांग करें तो बीजेपी के लोगों को हमारे खिलाफ कर रहे हैं तो क्या अडाणी भाजपा में है?

जब हिंडनबर्ग कि रिपोर्ट आई तो अडानी ने खुद ही कहा था। कि यह भारत पर हमला हैं। इसका मतलब क्या समझा जाए?