वीडियो: लोक कला और छत्तीसगढी संस्कृति की रक्षा करने मे अपना अहम स्थान बनाया भैसमुडी की गेड़ी प्रतियोगिता ….

जांजगीर चांपा l जिला मुख्यालय से महज १५ ,किलो मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम भैसमुडी ने लोक कला और छत्तीसगढी संस्कृति की रक्षा करने मे अपना अहम स्थान बना लिया है,,,,,गांव मे पोला त्यौहार के दिन खास गेडी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,,जिसमे गांव के ही नही बल्कि आसपास के लोग ने हिस्सा लिया ,,,इस प्रतियोगिता मे अतिथि के रुप मे कांग्रेस और भाजपा के जनप्रतिनिधियो ने भी हिस्सा लिया,,,,
,वैसे तो छत्तीसगढ मे हरेली अमावश्या के दिन गेडी चढने के परंपरा है,,,,जिसमे बांस के दो डँडा मे पैर रखने के लिए पौआ बनाया जाता है और उसे नारियल की रस्सी से बांध कर उसमे सवारी की जाती है,,,और गांव के कीचड से बचते हुए रास्ता तय किया जाता है,,,,लेकिन ये परंपरा धीरे धीरे विलुप्त होती जा रही है,,,,इस गेडी खेल को विलुप्त होने से बचाने के लिए ग्रामीणो ने चार वर्ष से प्रतियोगिता का रुप दे दिया है,,,जिसमे प्रतिभागी हिस्सा लेकर उन दो डंडो मे खडा होकर दौड लगाते है,,,,इस प्रतियोगिता के आयोजन समिति ने बताया कि पोला पर्व मे चार वर्षो से इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है,,,जिसमे शामिल होने के लिए ना तो उम्र का बंधन होता है ना ही एँट्री शुल्क देना पडता है,,,,जिसके कारण गांव के आस पास से लोग प्रतियोगिता मे हिस्सा लेते है और इनाम जीत कर प्रतियोगिता का गौरव बढाया है,,,,
गेडी प्रतियोगिता मे इस बार १० वर्ष के बच्चे के साथ ६०वर्ष के प्रतिभागी ने जौहर दिखाया,,,और गेंडी दौड मे हिस्सा लेकर अपने जमाने को याद करने के लिए मजबूर हो गए,,,वही कई प्रतिभागी इस प्रतियोगिता मे अगली बार तैयारी के साथ हिस्सा लेने मे जुट गए है,,,,

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