वन महोत्सव के तहत रोपे गये हजारों पौधे…!

[highlight color=”black”]अम्बिकापुर [/highlight][highlight color=”red”]उदयपुर से क्रान्ति रावत [/highlight]

हरियर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन ब्लाॅक मुख्यालय सहित दूर दराज के विभिन्न स्कूलों में किया गया। इस अभियान के तहत विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, जन प्रतिनिधियांे, सहित आम नागरिकों ने स्कूल परिसरों में हजारों पौधों का रोपण किया। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन पूर्व माध्यमिक शाला डूमरडीह में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये विभिन्न वक्ताओं ने पेड़ पौधों की महत्ता पर अपने विचार प्रस्तुत किये। वन रक्षक ज्ञानचंद कश्यप ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि पौधे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। हम इनके बगैर स्वच्छ वायु और जल की प्राप्ति नहीं कर सकते। बीआरसी बलबीर गिरी ने पौधों के रोपण के पश्चात् विद्यार्थियों को इनकी रक्षा का शपथ दिलाया। भाजपा मंडल अध्यक्ष राधेश्याम सिंह ने कहा पर्यावरण को बचाने और वनों का क्षेत्रफल बढ़ाने के उद्देश्य से छ.ग. शासन द्वारा हरियर छत्तीसगढ़ योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

निश्चित रूप से आने वाले समय में इसका लाभ लोगों को मिलेगा। पौधों को लगाने के बाद इनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। एसडीओ एमडी लहरे ने भी रोपित पौधों की सुरक्षा के विषय में बताया। उन्होने यह भी बताया कि सरगुजा वन मंडल में सभी योजनाओं के अंतर्गत 35 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य है। रेंजर एसबी पाण्डेय ने बताया कि वन विभाग के साथ स्कूल के शिक्षक छात्र-छात्रायें, जनप्रतिनिधि और आम नागरिकों के बीच में बेहतर समन्वय जरूरी है, मिलकर एक साथ काम करने से यह अभियान सफल हो पायेगा और भविष्य की पीढ़ी को हरियाली और पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। उज्जवला योजना के तहत कैम्पा मद से 5 करोड़ रूपये की स्वीकृति की बात बतायी। इस योजना के तहत रसोई गैस का उपयोग बढ़ने से इंधन के लिए जंगलों पर दबाव निश्चित रूप से कम होगा। जनपद अध्यक्ष राजनाथ सिंह एवं उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि जिस तरह बच्चों की परवरिश की जाती है ठीक उसी तरह पौधों को भी परवरिश की जरूरत होती है। यह छोटे छोटे पौधे पेड़ बन सकते है। शिक्षक सुखराम यादव ने कहा कि वन नहीं होगा तो जीवन नहीं होगा जन्म से मृत्यु तक लकड़ी की जरूरत होती है। यह धरती हमारी मां है, इस धरती का पौधे लगाकर श्रृंगार करने से ही हम मातृ ऋण से मुक्त हो सकते है। सभा का संचालन देवनारायण यादव ने किया। कार्यक्रम में मुरली जायसवाल, ओमवती शाक्य, मालती केरकेट्टा समेत अन्य लोग शामिल रहे।