डायरिया ने फिर पसारा पैर..शुरू हुआ मौत का तांडव..!

 सूरजपुर-प्रतापपुर

विकास खण्ड प्रतापपुर के ग्राम पंचायत धुमाडांड में पिछले एक महिने से डायरिया का प्रकोप जारी है दसकर्म का विषाक्त भोजन खाने से गंभीर रूप से बीमार इलाज के दौरान तीन लोगों की मौत अस्पताल में हो गई। रामचरण आ. बूढ़ी 66 वर्ष का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वाड्रफनगर में चल रहा था जहां  उसकी मौत हो गई। गंभीर रूप से बीमार बलधारी आ. रामनाथ 66 वर्ष अम्बिकापुर रिफर कर दिया था जहां इलाज के दौरान आज एसकी मौत हो गई।   एक की मौत प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हुई | जबकि 19 लोगों का इलाज प्रतापपुर व वाड्रफनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा है। गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सक पीड़ितों का इलाज कर रहे हैं।

सूरजपुर जिलान्तर्गत विकास खण्ड प्रतापपुर के दूरस्थ ग्राम पंचायत घूमाडांड़ में पिछले एक महीने से डायरिया का प्रकोप जारी है। ग्रामीणों द्वारा बार-बार इसकी शिकायत करने के उपरांत पूर्व में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गांव का भ्रमण कर पीड़ितों का इलाज किया था लेकिन इलाज के अभाव में डायरिया से गंभीर सुनीता आ. नंदलाल की मौत 18 अक्टूबर को हो गई थी। मृतिका के दसकर्म के अवसर पर परिजन ने शुक्रवार को मृत्यु भोज का आयोजन किया था जिसमें गांव के लोगों के साथ ही रिश्तेदार भी आये थे । मृत्यु भोज में ग्रामीणों को पूड़ी-सब्जी के साथ हंड़िया परोसा गया था। मृत्यु भोज समाप्त होने के बाद रिश्तेदार सहित गांव के सभी लोग अपने घर चले गए लेकिन कुछ घंटे बाद ही मृत्युभोज का खाना खाने वाले धूमाडांड़ निवासी शिवप्रसाद, फूलबसिया, सुखमनिया, शिवधारी, सूदन, वीफो, सोहागो, रामशरण, देवसाय, कमलसाय, फगनी, बालसाय, इन्द्रमणि, इन्द्रसाय, नंदलाल, देवशरण, बनारसी | मृत्युभोज में शामिल होने वाले दूसरे गांव के लोगों की भी हालत गंभीर बताई जा रही है । ग्राम गोविंदपुर निवासी कलिया आ. बुधन व उसकी पत्नी  कठहरिन को गंभीरावस्था में प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया है। रात होते-होते  इंद्रमणि पत्नी शंकर लाल गोंड 55 वर्ष सहित एक दर्जन लोगों की स्थिति गंभीर हो गई। समय पर इलाज की व्यवस्था नहीं होने से गंभीर रूप से बीमार इंद्रमणि की मौत हो गई। परिवार के अन्य लोगों को भी  डायरिया होने से परिजन उसे अस्पताल नहीं ले जा सके। वहीं अन्य बीस परिवारों में डायरिया फैलने से सभी लोग पीड़ितों के इलाज को लेकर परेशान थे। ग्रामीणों की सूचना पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पहुंचे बीएमओ ने पीड़ितों का इलाज शुरू किया। इस दौरान नौ ग्रामीणों को गंभीर अवस्था में तत्काल समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वाड्रफनगर एवं प्रतापपुर भेजा गया। इस दौरान चिकित्सादल द्वारा गांव के 172 लोगों को दवाइयां दी गई लेकिन रात में पीड़ितों की संख्या बढ़ गई। डायरिया से 10 लोगों की हालत गंभीर होने पर शनिवार को उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वाड्रफनगर एवं प्रतापपुर भेजा गया। गंभीर रूप से बीमार फगनी बाई सहित अन्य ग्रामीणों का इलाज स्वास्थ्य कर्मी उनके घरों में ही कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में नलकूप की व्यवस्था नहीं होने पेयजल के लिए गांव के सभी लोग कुंए व ढोढ़ी के पानी पर आर्शित हैं। ढोढ़ी का गंदा पानी पीने से आए दिन लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित रहते हैं। डायरिया फैलने के बाद विभाग द्वारा जलर्शोतों के पानी को स्वच्छ करने दवा का छिड़काव करा रहे हैं।
सीएमएचओ डॉ. एके जायसवाल, तहसीलदार जेपी तिवारी व सीईओ वेद प्रकाश पाण्डेय सहित अन्य अधिकारियों ने गांव का भ्रमण कर पीड़ितों के इलाज एवं उनकी स्थिति का जायजा लिया। सीएमएचओ डॉ. जायसवाल ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है। मृत्यु भोज में शामिल होने वाले सभी लोग डायरिया से प्रभावित हैं। डायरिया फैलने के पीछे कारण विषाक्त भोजन है। आयोजक परिवार द्वारा बचा भोजन फेंक दिए जाने से इसका नमूना नहीं मिल सका है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में 24 घंटे शिविर लगाकर पीड़ितों का इलाज कर रही है। पीड़ितों की स्थिति नियंत्रण में है।