कोयला निकालने के दौरान खदान की मिट्टी धंसी… 24 घण्टे अंदर फंसा रहा ग्रामीण… SECL प्रबंधन और लापरवाही का आरोप

अम्बिकापुर। लखनपुर विकासखण्ड अंतर्गत अमेरा खदान में पिछले दो वर्षों से उत्खनन कार्य बंद है। इस दौरान एसईसीएल प्रबंधन द्वारा खुली खदान में सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.. लेकिन एसईसीएल प्रबंधन द्वारा खुली खदान में कोई सुरक्षात्मक प्रबंध नहीं किया गया है। पूरे खदान को एक सुरक्षाकर्मी के भरोसे छोड़ दिया गया है.. और यही वजह है कि यहां आए दिन आसपास के ग्रामीणों द्वारा मिट्टी में दबे कोयले को सफाई कर बोरे में इकट्ठा कर ले जाया जाता है।

मंगलवार को ऐसा की एक मामला सामने आया है। जहां रजपुरी निवासी 50 वर्षीय रंजीत राम कोयला निकालने अमेरा खुली खदान गया था। इसी दौरान कोयला निकालते वक्त हादसा हो गया। रंजीत मिट्टी में काफी अंदर तक सुरंग होने के कारण मिट्टी के धंसने से उसमें फंस गया.. और लगभग 24 घंटे तक अंदर फंसा रहा।

बुधवार को खदान क्षेत्र में लगे प्लांटेशन की सुरक्षा कर रहे फायर वाचर सतार सिंह वहां पहुंचा तो, खदान के अंदर फंसे रंजीत की आवाज सुनाई दी। फायर वाचर ने लोगों की मदद से उसे किसी तरह बाहर निकाला गया और मामले की जानकारी एसईसीएल प्रबंधन के सुरक्षाकर्मी सहित अन्य लोगों को दी। सूचना पर रंजीत के परिजन भी मौके पर पहुंच गए।

जिसके बाद परिजन एवं एसईसीएल प्रबंधन की मदद से गंभीर स्थिति में उसे इलाज के लिए लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर रेफर कर दिया। जहां रंजीत की हालत स्थिर है।

प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों ने एसीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन मवेशियों सहित अन्य जीव-जंतुओं की उस खुली खदान पोखरा में दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। एसईसीएल प्रबंधन द्वारा सुरक्षा का कोई भी इंतजाम नहीं किया जा रहा है।