बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्रों की बढी चिंता

शिक्षकों की कमी से कई स्कूलों में पूरा नहीं हो पाएगा कोर्स 
विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर अभिभावक परेशान 
 
कोरिया/सोनहत
विकासखण्ड सोनहत अंतर्गत के अधिकांश हायर सेकेण्ड्री व हाई स्कूलों में विषयगत शिक्षकों की लम्बे समय से कमी होने क कारण संबंधित कक्षा 10 वीं 11 वीं एवं 12 वीं के छात्र छात्राओं को पूर्ण रूपेण अध्ययन का लाभ नहीं मिल पाया और अब परीक्षा को लेकर चिन्ता सताने लगी हैं।
आलम है की विकासखंड के सभी हायर सेकेड्री एवं हाई स्कूलों का बुरा हाल है। हाई स्कूलों व हायर सकेड्री में अध्ययनरत छात्र छात्राओं ने बताया कि संस्था स्तर पर विगत सत्र आंरभ होने गणित सहित विज्ञान संकाय के विषयगत शिक्षक नहीं होने से पढाई काफी हद तक प्रभावित हुई हैं। उल्लेखनीय है कि एक ओर शिक्षा को बढावा देने शासन लगातार प्रयासरत रहने का दावा करती हैं। वहीं विषयगत शिक्षक के नही होने से संस्थाओं का परिक्षा परिणाम खराब हो जाता है जिसका खामियाजा विद्यार्थीयों को भुगतना पड़ता हैं। संस्थागत अध्ययनरत छात्र छात्राएं बोर्ड परीक्षा को लेकर भारी चिंतित हैं। खासकर विज्ञान के छात्रों ने हताशा जाहिर करते हुए कहा कि विषय की पढाई कक्षा स्तर पर नहीं होने का सीधा असर हमारे परिणाम पर होगा जिसे बाद में सुधारा नहीं जा सकेगा। 
आर्द्धवार्षिक समय नजदीक
सोनहत विकासखंड के अधिकांश हाई स्कूल व हायर सेकेंड्री स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए कोर्स पूरा हाने की संभावनाएं कम ही है। एक माह के अंदर आर्द्धवार्षिक परिक्षाएं आयोजित होनी है जिसे लेकर जहां छात्र छात्राएं गभीर नजर आ रहे है वहीं उन्हे कोर्स को लेकर चिंता भी है।  
गणित पढ़ने के लिए तरस रहे छात्र
सोनहत में हाई व  हायर सेकण्ड्री स्कूल में दूर दराज के छात्र छात्राओं की गणित पढ़ने की रूचि प्रशासनिक लापरवाही से पूरी नहीं हो पाई। विद्यालयीन छात्रों ने बताया कि गणित विषय शिक्षक के अभाव में चाह कर भी छात्र गणित विषय लेकर नहीं पढ़ सके।
वैकल्पिक व्यवस्था से कोर्स पूरा हो
विज्ञान संकाय अंतर्गत बोर्ड 12 वीं के छात्र छात्राओं ने अधूरे कोर्स को वैकल्पिक शिक्षकों की व्यवस्था कर अध्ययन सुविधा प्रदान करने की मांग जिला प्रशासन से किया हैं। वहीं प्रशानिक अव्यवस्था का खामियाजा भुगत रहे छात्र – छात्राओं के अभिभावकों ने भी  अलग से कक्षा संचालन कराते हुए परीक्षा की तैयारी कराए जाने की मांग की हैं।