आवारा मवेशियों से जशपुर वासी परेशान नगरपालिका प्रबंधन मौन

जशपुर से तरुण प्रकाश शर्मा की रिपोर्ट…
स्वीकृति कांजी हाउस में आज तक 2000 से 2013 तक कार्यवाई नाम मात्र
जशपुरनगर

जशपुर में जगह जगह व चैक चैराहो तथा सार्वजनिक इलाको पर आवारा मवेषियांे का जामवड़ा देखने को मिल रहा यातायात परेषानी आ रही है कई जगह तो मवेषी गाडियों के निचे आते आते बच जाती है या फिर चक्के के निचे आने पर मवेषी मालिक या तो गाड़ी वाले पर चडाई कर देते है या फिर मुआवजा मंागते है। या दोनों पक्ष मे मार पीट होने की सम्भावना रहती है आम आदमी कहें या फिर गाड़ी वाले या बाजार मे  व्यवसाय करने वाले सभी इन मवेषीयों से परेषान है। लेकिन मवेषियों के मालिक जानते हुये भी खुंला छोड़ देते है। तथा सुबह षाम आदर के साथ घर में सिर्फदूध निकालने के लिए ही मवेषियों के उपभोग करते है और उसके पचात उसका षोषण करते है तथा ख्ुाला छोड़ देते है। गाय के दूध से ही मानव षरीर विकसीत होता है और उसका यह दूर्दषा होती है ऐसे मवेषी मालिक जोे पाप करते है ऐसे पापियों के उपर कारवाई होनी चाहिए पंरतु नगरपाालिका इस कहावत को चरिताथ करती है कि अंधेर नगरी चैपट राजा नगरपालिका के आलाअधिकारी मवेषी मालिको के प्रति उद्वारता बरतती है ऐसा प्रतित होता है कि  इस पाप में भागीदारी इन आला अधिकारी कि भी है ज्ञात हो कि जषपुर जिले में कई संस्थाये मवेषी तस्करी बंद कराने मेे लगी है उनको यह दृष्य नही दिखती है क्या।

 

ap2जगह जगह चैक चैराहों यहा तक कि बस स्टेन्ड में भी दिन और रात आवारा पषुऐ देखी जा सकती या तो करबला चैक या तो दरबारी टोली जहां पर नगरपालिका के कई कर्मचारी निवास करते है इन को भी षाम को आवारा मवेषियों का जामवाड़ा दिखाई नही देता चैराहो पर उचित लाईट को व्यवस्था भी नही है ऐसे में कई दुर्घटनाऐ होने की सम्भावना बनी रहती है ऐसे मेें ब्रदष क्लब के नगरिको द्वारा नगरपालिका से कार्यवाई की उम्मीद करती है या तो फिर आगे मवेषी मालिको और नगरपालिका के विरूद्व आंदोलन करने की कार्यवाई की जा रही है।ै
नगरपालिका में यदि कांजी हाउस है तो नगरपालिका कार्यवाई कर सकती है यदि नही तो एलाउंसमेंट कराकर मवेंषी मालिकों से घर में बांधने का हिदायत दे सकत है फिर दूर विसतार यंत्र के द्वारा और ईस्तहार के द्वारा भी नगरपालिका एंेसे मवेषी मालिको के उपर कार्यवाई कर सकता है।