जलाशयों एवं बांधों की स्थिती सही होती तो नही पड़ता सूखा : सिंहदेव

  • सिंचाई विभाग को शासन से हमेशा बजट मिलने के बावजूद जलाशयों नही हुआ सही रख रखाव
  • पूर्व वित्त मंत्री ने चर्चा में कहा आने वाले गर्मी में पानी की भारी किल्लत होगी

कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय)

छत्तीसगढ के पूर्व वित्त मंत्री एवं मध्य प्रदेश शासन में तीन बार सिचाई मंत्री रहे डा राम चंद्र सिंहदेव ने सोनहत विकासखंड के वनांचल ग्रामों का दौरा किया और किसानों ,मजदूरों, एवं क्षेत्र के ग्रामवासीयों की समस्याओं से रूबरू हुए क्षेत्र का दौरा करने के बाद चर्चा में डा रामचंद्र सिहदेव ने क्षेत्र के बांधों जलाशयों एवं जल स्रोतों में पानी के घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए सिंचाई विभाग के प्रति काफी नाखुश नजर आए। चर्चा के दौरान उन्होने कहा की जिले में लगभग 67 जलाशय है

जिसमें दो बड़े एवं 65 उससे छोटे जलाशय है साथ ही लगभग 327 स्टाफ डेम है इसके बावजूद जिले में सूखे के हालात है उन्होने कहा की संबंधित विभागों को शासन से प्रति वर्ष इन जलाशयों बांधों एवं जल स्रोंतों के मेंटेनेस के नाम पर राशी मिलती है इसके अतिरिक्त ढाई करोड़ गेज एवं ढाई करोड़ झुमका जलाशय के लिए भी राशी आई थी इसके अतिरिक्त घुनघुटटा जलाशय सोनहत के लिए भी लगभग 40 लाख रूपए विभाग को मिले थे लेकिन इस राशी का कहां उपयोग हो रहा है यह समझ से परे है इसी दौरान उन्होने यह भी कहा की यदि इन जलायशयों का सही समय पर सही मरम्मत होता तो आज जिले में सूखे की स्थिती निर्मित नही होती और किसानों की हालत इतनी नजूक नही होती । आज स्थिती यह है की जितना सिंचाई होना चाहिए उसका 45 प्रतिशत ही हो पा रहा है

बांधों की बदहाली पर चिंता जताते हुए सिह देव भावुक हो गए और कहा की क्या बताउं ये सब देख कर बड़ी तकलीफ होती है। 8 साल पहले घुनघुटटा जलाशय से  10 से 12 हजार एकड़ एकड़ रकबे में गेंहू की खेती होती थी लेकिन अब नही हो पाती है गांव वालों से पूछने पर उनका कहना है की हमें पानी का भरोषा नही है इस लिए गेंहू बोना छोड़ दिया। उन्होने कहा की भ्रष्टाचार अर्कमन्यता और अक्षमता से यह स्थिती बनी है। जो नहरें बनाई गई वो इतना घटिया बनाया गया की कम समय में टूट गई यह सब देख कर आज बड़ी तकलीफ होती है । विभाग के द्वारा सिंचाई रकबा ज्यादा दिखाया जाता है और पानी मिलता नही है इसके कारण किसानों को लगान भी अतिरक्त देना पड़ता है। उन्होने बताया की रामगढ क्षेत्र में मैने कई स्टाफ डेम बनावाए थे लेकिन सब खंडहर हो गए लेकिन अधिकारीयों को कोई परवाह नही है। रोजगार गारंटी से भी कई बार मरम्मत कराने की बात आई लेकिन सिर्फ कागजों में ही काम हुआ ।

गर्मी में बढेगा भीषण संकट
जल स्तर लगातार गिर रहा है 30 प्रतिशत हैंड पंप सूख सकते है वही नल जल योजना लगभग 70 प्रतिशत बिगड़ी हुई है उन्होने जिला प्रशासन से गर्मी के समय जल संकट से निपटने के लिए टैंकर आदि व्यवस्था कराए जाने की मांग भी किया है। इसके अतिरिक्त उन्होने ब्लाक स्तर पर गहरे टयूबवेल खनन कराए जाने की मांग भी किया जिससे गर्मी में लोगों को जल संकट से निजात मिल सके

कोरिया नीर की जरूरत
सिंहदेव ने चर्चा के दौरान बताया की ब्लाक स्तर पर कम से कम 300 नए डीप टयूबबेल की आवश्यकता है वहीं ब्लाक स्तर कम से कम 10 कोरिया नीर जैसे वाटर एटीएम प्लांट लगाए जावें  जिससे लोगों को शुद्ध पानी मिल सके।  उललेखनीय है की लगभग 85 की उम्र होने के बावजूद सिंहदेव इस समय अपने जिले का धुवांधार दौरा कर रहे है उन्होने सोनहत विकासखंड के ग्राम सोनहत रामगढ अकलासरई तंजरा बोड़ार लटमा दामुज लब्जी एवं अन्य कई क्षेत्रों का दौरा किया उन्होने बताया की क्षेत्र में राहत कार्य चल रहे है काफी हद मजदूरों को काम मिल रहा है लेकिन जो कार्य कराए जा रहे है उनका प्राकलन बढा चढा कर दिखाया जा रहा है

किसानों का कर्जा माफ हो
सिंहदेव ने बताया की सूखे के कारण किसानों की फसले बर्बाद हो गई लेकिन शासन द्वारा जो मुवाबजा दिया जाना है वो नाकाफी है इसके अतिरक्त उन्होने कहा की फसल की बर्बादी को देखते हुए किसानों का कर्जा सरकार को माफ करना चाहिए उन्होने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा की  सरकार ने किसानों के धान को जो दाम देने का वादा किया था सरकार अपने वादे से मुकर गई बभी तक किसानों को उतने मुल्य का भुगतान नही हो पाया जिसके बाद सूखे की स्थिती में इतना कम मुवाबजा देते हुए सरकार किसानों के साथ सीधा अन्याय कर रही है। सिंहदेव के साथ चर्चा के दौरान कृष्ण कुमार राजवाड़े आर डी पाण्डेय राजन पाण्डेय लव प्रताप सिंह पुष्पेन्द्र राजवाड़े उपस्थित थे।