युवा मित्र मंडली की पहल…प्रतिदिन राहगीरों को कराया जा रहा भोजन.. सेवा कार्य की हो रही प्रशंसा

अम्बिकापुर..(उदयपुर/क्रांति रावत)..कोरोना महामारी को देखते हुए 25 मार्च से देश में जारी लॉक डाउन के दौरान हजारों की संख्या में लोग साधन के अभाव में पैदल चलकर अपने अपने घरों में जाने को विवश हो रहे हैं. शासन के लाख इंतजाम के बावजूद लोग पैदल अभी तक चल रहे. देश में चल रहे कोरोना बीमारी से लोग बहुत डरे हुए हैं. बड़े-बड़े शहरों में जो लोग बाहर से जाकर कंपनी में काम कर रहे थे. कंपनी में कार्य बंद होने से रहने खाने की समस्या उत्पन्न होने लगी. जिससे उन्हें मजबूर होकर कहीं पैदल तो कहीं किसी लिफ्ट के माध्यम से अपने घर की ओर पलायन कर है.

जिसमें ऐसे लोग भी है जो विशाखापट्टनम, रायपुर, बिलासपुर, भिलाई से चलकर उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश की ओर जा रहे है. पैदल यात्रियों तथा मालवाहक बड़ी गाड़ियां जो जहां थी वही खड़ी रह गई. जिससे उनके पास पैसों की व्यवस्था होने के बाद भी उन्हें लॉक डाउन की वजह से राशन तथा खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी. लोग पैदल ही अपने घरों की ओर भूखे प्यासे निकल पड़े.

उनकी परेशानी को देखते हुए युवा मित्र मंडली द्वारा 26 मार्च से सेवा कार्य प्रारंभ किया गया. इसमें कोशिश की गई. कि उदयपुर क्षेत्र से कोई भी व्यक्ति भूखा ना गुजरे और ब्लॉक में कहीं भी कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये. युवा मित्र मंडली के द्वारा सुबह नाश्ता और केला का वितरण किया गया तथा दोपहर शाम व रात में कहीं प्रशासन के माध्यम से तो कहीं अचानक से जानकारी प्राप्त होने पर राहगीर जहां होते थे. वहां जाकर भोजन के पैकेट में उपलब्ध कराया जाता है.

इसके साथ साथ उदयपुर तथा आसपास के जो भी गांव हैं और वहां निवासरत लोग जिनका राशन कार्ड नहीं है या उन्हें राशन में किसी प्रकार की समस्या है. तो उन्हें सुखा राशन तत्काल उपलब्ध कराया जाता है. इस संबंध में चर्चा करते हुए समूह के सदस्य जितेन्द्र शर्मा ने बताया लॉक डाउन के दौरान लोगों को भूखे प्यासे पैदल यात्रा करते देखकर युवा साथियों के मन में विचार आया पैदल यात्रियों के भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. इसी सोच ने हम इस सात आठ लोगों ने मिलकर युवा मित्र मण्डली के नाम से इस सेवा कार्य का शुरुआत 26 मार्च से किया गया. 2 से 3 दिनों में उदयपुर के वरिष्ठ जनों से आर्थिक एवं शारिरिक सभी तरह का सहयोग प्राप्त होने लगा तथा बड़ों का मार्गदर्शन भी मिलने लगा.

हमने जब से यह कार्य प्रारंभ किया है. तब से अभी तक लगभग 1000 से अधिक राहगीरों को नाश्ता तथा भोजन उपलब्ध कराया गया है. स्थानीय स्तर पर आस-पास के गांव में लगभग 120 परिवारों को 5 किलो और 2 किलो का सूखा राशन पैकेट उपलब्ध कराया गया है. साथ में हाथ धोने के लिए साबुन भी उपलब्ध कराया गया है. लॉक डाउन अवधि के दौरान सोशल डिस्टेन्स मेंटेन करते हुए यह कार्य निरंतर किया जा रहा है.

इस कार्य में गोविंदा साहू, शिवम साहू, सावन अग्रवाल, जितेंद्र शर्मा सोनू गुप्ता, विकास, सतीश सोनी, अरुण सोनी, बल्लू कश्यप, भोला, सचिन अग्रहरी, श्याम, अंकित, शुभम, अमन, सूरज और अन्य युवा साथियों, वरिष्ठ जनों तथा दुकानदारों का प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग मिल रहा है विशेष रुप से वरिष्ठ दवा व्यवसायी दिलीप गुप्ता जी का विशेष सहयोग मिल रहा है. युवा मित्र मंडली का सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि कोई भूखा ना रहे.