क्या.? किसी बड़े हादसे के इंतजार में है प्रशासन. तभी तो मिल रही तारीख़ पे तारीख़

सूरजपुर.(दतिमा मोड़/आयुष जायसवाल). दतिमा-सलका मार्ग पर ग्राम झुमरपारा होते हुए. करंजी साइडिंग की बदहाल सड़क को लेकर. ग्रामीणों ने आज चक्काजाम व आंदोलन किया. और रोड निर्माण नहीं होने तक इस मार्ग से पूरी तरह कोल् परिवहन बंद करने की बात कही. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने पहले भी कई बार शिकायत व आंदोलन की है. लेकिन प्रशासन द्वारा हर बार इस समस्या को नज़रअंदाज कर दिया जाता है. जो समझ से परे है.

गौरतलब है की करंजी कोल साइडिंग में अडानी सहित अन्य निजी कम्पनियों द्वारा पिछले 7 सालों से भारी मात्रा में इस रास्ते से कोल परिवहन कराया जाता है. और ओवरलोड कोल् वाहनों के आवागमन से नावापारा मन्दिर चौक से लेकर करंजी रेलवे साइडिंग तक पुरे मार्ग की स्थिति दयनीय हो गई है. वहीँ उस रास्ते में पड़ने वाले एक पुलिया स्थिति भी भयानक हो गई है. जिसमें कब हादसा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. इन समस्याओं को लेकर झुमरपारा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को उस मार्ग से पूर्ण रूप से कोल् परिवहन बंद करने के लिए ज्ञापन दिया गया था. और आज जब ग्रामीणों ने चक्काजाम किया तो ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए तहसीलदार नंदजी पांडेय ने तत्काल कोल् परिवहन बंद करने का आदेश दिया. साथ ही अगर रात में कोल परिवहन की जाती है तो करंजी पुलिस को कार्यवाही का निर्देश दिया.

चक्काजाम की जानकारी मिलने पर ट्रांसपोर्टरों ने रात में कराया कोल परिवहन

5 सितम्बर से करंजी साइडिंग में चक्काजाम की जानकारी मिलते ही ट्रांसपोर्टर ने कोल परिवहन रात 12 बजे के बाद कराया. जिसके जवाब में ग्रामीणों ने पूर्ण रूप से कोल परिवहन की बात कही व कहा की जबतक सड़क चौड़ीकरण नहीं किया जाएगा. तब तक कोल परिवहन नहीं होने दिया जाएगा. इस दौरान जाहिद खान, अंकित जायसवाल, प्रांजल जायसवाल, विजय सिंह, जावेद खान, सदाकत खान सहित दर्जनों ग्रामवासी मौजूद थे. वही प्रशासन की ओर से तहसीलदार नंदजी पांडेय, थाना प्रभारी बिश्रामपुर कपिलदेव पाण्डेय, चौकी प्रभारी करंजी संजय गोस्वामी सहित पुलिस बल व आलाधिकारी मौजूद थे.

PWD-SECL के बीच अधर में लटकी है सड़क निर्माण

जानकारी के अनुसार सड़क के निर्माण में SECL व PWD के बीच पेंच फंसा हुआ है. दोनों एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन इस सड़क में आमजनों के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी आवागमन करते हैं. इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता. इससे ऐसा लगता है की प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है. तभी तो इस जर्जर सड़क की ओर ध्यान नहीं दे रही है.