Exclusive : जुआरियों को लॉकडाउन से कोई मतलब नहीं.. खेत, घर बना महफ़ूज ठिकाना …इसलिए? यहां कम आती है पुलिस

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सूरजपुर..(पारसनाथ सिंह)..वैश्विक महामारी बनकर उभरे व देश में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति लाने वाले खतरनाक कोरोना वायरस से बचाव के लिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 03 मई तक पूरे देश मे लॉकडाउन की घोषणा की है. केंद्र सहित राज्य सरकार कोरोना से बचने के लिए. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रही है. जिसके परिपालन में लोग अपने अपने घरों में दुबके हुए हैं. लेकिन कुछ लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं..और खुद के साथ-साथ दूसरों की भी जान जोख़िम में डालने पर तुले हुए हैं.

दरअसल, हाल ही में सूरजपुर जिले के जजावल राहत शिविर में रैपिड टेस्ट में एक पुलिसकर्मी सहित 10 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिनकी रायपुर AIIMS में फाइनल टेस्टिंग की गई. जिसमें 03 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. वहीं 06 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया. जबकि एक का दोबारा टेस्ट करने का फैसला लिया गया. वर्तमान में जजावल में एक साथ इतने संदिग्ध मिलने के बाद उस इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है..और इलाके में अनावश्यक आने जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा राहत शिविर में मौजूद लोगों का टेस्ट किया जा रहा है.

गौरतलब है कि सूरजपुर ज़िले में अचानक इतने मरीज़ मिलने के बाद. आसपास के पड़ोसी जिले सरगुजा, जशपुर और कोरिया हाई अलर्ट पर हैं. प्रशासन ने अपने अपने जिले की सीमाओं को पूर्णतः सील कर दिया है. जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति ज़िले में प्रवेश ना कर सके. एहतियात के तौर पर भीड़भाड़ वाले सभी जगहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन सूरजपुर जिला मुख्यालय से महज 07 किलोमीटर दूरी पर एक ऐसा गांव है. जहां सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर स्थित बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रामपुर में लॉकडाउन पर भी जुआरियों के हौसले बुलंद हैं. यहां शाम होते ही जुआरियों की महफ़िल सज जाती है..और लॉकडाउन के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियाँ उड़ाई जाती है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले और भी मजबूत होते जा रहे हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन शाम होते ही रामपुर गांव के आसपास के गांव के कुछ लोग. लगभग दर्जनों की संख्या में. रामपुर गांव पहुंचते हैं..और गांव के खेतों में झुण्ड बनाकर जुआ खेलते हैं. तो कभी कभी किसी ग्रामीण की सहमति पर उसी के घर में बैठकर जुआ खेलते हैं. बता दें कि इस गांव में पुलिस का आना जाना कम ही होता है. क्योंकि इस गांव में कभी कभी ही ऐसी घटनाएं होती है. की यहां के लोगों को पुलिस के पास जाना पड़े. या पुलिस को इस गांव में आना पड़े. कुल मिलाकर कहा जाए तो. इस गांव का क्राइम रेट शून्य के बराबर है.

इसी का फायदा उठाकर आसपास इलाके के कुछ सक्रिय जुआरी इस गांव को अपना महफ़ूज ठिकाना बनाये हुए है. इधर प्रदेश के साथ साथ पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है. कई गांव के लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचने बाहरी व्यक्तियों के एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन यहां अलग अलग जगहों से आने वाले इन जुआरियों की हरक़त ग्राम वासियों के मुसीबत का सबब बनने का काम कर रही है.

ग़ौरतलब है छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों की पुलिस कोरोना संक्रमण के रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. लॉकडाउन के दौरान भी पुलिस अपनी जिम्मेदारी सक्रियता के साथ निभाते हुए. अवैध शराब, जुआ, नशीली दवाइयों पर नकेल कस रही है..और आमजनो से भी सहयोग की अपील कर रही है. बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा लगातार नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. जिसपर शिकंजा कसना अतिआवश्यक हो गया है.

बहरहाल, अब देखना होगा कि लॉकडाउन में शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का बेख़ौफ़ होकर उल्लंघन करने वाले इन जुआरियों पर कब तक कार्रवाई होती है. या फ़िर संकट की इस घड़ी में इनके कारनामें जारी रहते हैं.