शिक्षकों से नाराज अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना किया बंद..!

शिक्षकों को हटाने की मांग..बीईओ ने दिए जाँच के आदेश

अम्बिकापुर

उदयपुर से “क्रान्ति रावत” 

विकास खण्ड उदयपुर अंतर्गत प्राथमिक शाला जजगी में अभिभावकों ने अपने बच्चों को शनिवार से अनिश्चित काल के लिए स्कूल भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों ने शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि जब तक इन शिक्षकों का स्थानांतरण अन्यत्र नहीं हो जाता तब तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। प्राथमिक शाला जजगी में प्रधानपाठक बाबु सिंह और सहायक शिक्षक पंचायत नरेन्द्र कुमार जायसवाल व अमरेश दास पदस्थ है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम जजगी में प्राथमिक एवं माध्यमिक का संचालन स्कूल के एक ही भवन में दो पाली में किया जाता है। प्राथमिक स्तर की कक्षाओं का समय सुबह सात से लेकर दोपहर बारह बजे तक एवं माध्यमिक शाला का संचालन दोपहर बारह बजे से सायं पांच बजे तक किया जाता है। स्कूल कभी भी समय पर नहीं खुलता है। प्राथमिक स्कूल का संचालन एक मात्र शिक्षिका के द्वारा किया जाता है वह भी 9 से 10 बजे के बीच स्कूल आती है। प्रधानपाठक और एक शिक्षक स्कूल से नदारद रहते है। अभिभावकों के द्वारा शिक्षकों से इस विषय में कुछ भी पुछने या बोलने पर झुठे मामलों में फंसाने के उद्देश्य से थाना लखनपुर में शिकायत की जाती है। इस तरह की घटनायें एक नहीं कई बार हो चुकी है। जिससे ग्रामवासियों में स्कूल स्टाफ के प्रति काफी आक्रोश का माहौल है। मौके पर जाकर शनिवार को सुबह 8 बजे विद्यालयीन समय में ग्रामीणों के साथ स्कूल का मुआयना किया गया जिसमें एक मात्र प्रधानपाठक बाबु सिंह उपस्थित थे। शेष शिक्षकों के बारें में प्रधानपाठक बाबु सिंह ने बताया कि शिक्षिका अमरेश दास अवकाश पर है तथा नरेन्द्र कुमार जायसवाल जिला पंचायत कार्यालय में अटैच है। शिक्षक नरेन्द्र जायसवाल के बारे में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि वह कभी स्कूल नहीं आते है केवल मैडम और हेडमास्टर सर स्कूल आते है और कुछ देर के बाद स्कूल बंद करके चले जाते है।

इस बारे में अपनी राय व्यक्त करते हुये ग्रामीण रघुवीर दास ने बताया कि प्राथमिक शाला में काफी अव्यवस्थाएं है। व्यवस्था में सुधार नहीं होने तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

ग्रामीण सौरी नारायण दास ने कहा कि शिक्षक हमेशा देर से आते है पुछताछ करने पर थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी जाती है। जब तक इन शिक्षकों का तबादला नहीं होता है तब तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

ग्रामीण कन्हाई राम ने बताया कि दो दिन पहले बच्चों को स्कूल छोड़ने आया था तब एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं थे करीब 2 घंटे के इंतजार के बाद शिक्षिका अमरेश दास उपस्थित हुई। विद्यालय में देर से आने का कारण पुछने पर इनके द्वारा हम लोगों के विरूद्ध थाना में शिकायत दर्ज कराने की बात कही गई। और भी कई ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में बताया गया कि  इन शिक्षकों के लापरवाह रवैये से हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है। कक्षा पांचवी में पढ़ने वाले बच्चे भी ठीक से अपना नाम तक नहीं लिख पाते है। आगे इनकी पढ़ाई का क्या होगा भगवान ही मालिक है।

ग्रामीणों द्वारा बच्चों को स्कूल नही भेजने की सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उदयपुर, विकास खण्ड शिक्षा अधिकरी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और थाना प्रभारी लखनपुर को शुक्रवार को ही दे गई थी। किंतु उक्त मामले में किसी अधिकारी कर्मचारी ने पहल करने की जरूरत नहीं समझी। परिणामतः शनिवार को प्राथमिक शाला जजगी में एक भी बच्चा स्कूल में नजर नहीं आया। पूर्व में भी इस संबंध में कई बार शिकायत की गई है परंतु अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है। अधिकारियों की इसी उदासीन रवैये की वजह से ग्रामीण आज स्कूल का बहिष्कार करने को विवश है इससे स्पष्ट होता है कि मामला कितना गंभीर है और कब से लोग इस आक्रोश को अपने भीतर दबाये हुये थे जो आज खुलकर सामने आया  है।

बाबू सिंह….. प्रधानपाठक

प्रधानपाठक बाबू सिंह ने ग्रामीणों द्वारा लगाये गये आरापों को निराधार बताते हुये एक सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक समय पर आते है और अपना काम करते है। ग्रामीणों द्वारा स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है और असामाजिक तत्वों के द्वारा स्कूल परिसर में गंदगी की जाती है। इसकी सूचना थाने में दी गई है।

हेमप्रकाश साहू….. सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी

सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी हेमप्रकाश साहू ने बताया कि बीईओ साहब के द्वारा इस विषय के जांच के लिए मुझे लिखित में मार्क किया गया है परंतु आज जिला शिक्षा अधिकारी की बैठक में उपस्थित होने की वजह से कार्यवाही नहीं हो पायी है सोमवार को जांच कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।