मिड डे मील खाने से 52 स्कूली बच्चे बीमार…!

[highlight color=”blue”]शिक्षा विभाग मे मचा हडकंप…पेट दर्द,उल्टियों के साथ फूलने लगा पेट[/highlight]

 

[highlight color=”red”]अम्बिकापुर[/highlight][highlight color=”black”] देश दीपक”सचिन”[/highlight]

शहर से लगे ग्राम सुंदरपुर प्राथमिक शाला में उस वक्त हडकंप मच गया, जब स्कूल के बच्चे मध्यान्ह भोजन करने के बाद अचानक उल्टी करने लगे, इसके साथ ही बच्चों के पेट में दर्द होने लगा। आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन  ने तत्काल संजीवनी वाहन को फोन कर बुलवाया और बच्चों को जिला अस्पताल में दाखिल किया है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों को फुड प्वॉइंजिंग की शिकायत है। दूसरी तरफ स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाये गये मध्यान्ह भोजन का सैंपल लेकर उसकी जांच कराई जा रही है।

बिलासपुर मार्ग पर स्थित सुंदरपुर प्राथमिक शाला स्कूल में आज मध्यान्ह भोजन करने के बाद सभी बच्चों की स्थिति बिगडने लगी। बच्चों को पेट दर्द के साथ-साथ पेट फूलने की हालत को देख शिक्षक भी घबरा गये। बच्चों की स्थिति बिगडने की खबर पर परिजन भी स्कूल पहुंच गये। आनन-फानन में तत्काल संजीवनी वाहन को बुलवाया गया। 52 से अधिक बच्चों को जिला अस्पताल लाकर दाखिल किया गया है, जिसमें कुछ बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। चिकित्सकों की टीम द्वारा बच्चों का उपचार किया जा रहा है। स्कूल के प्रधानपाठक इंद्रप्रसाद सारथी द्वारा बताया गया कि दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा स्कूल में मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जाता है। आज भी रोज की मुताबिक समूह द्वारा बच्चों के लिये चावल, दाल, अचार व पापड़ व बैगन का सब्जी बनाकर दी गई थी। बच्चों ने जैसे ही मध्यान्ह भोजन किया, वैसे ही सभी बच्चों के पेट में दर्द होने लगा। दर्द के साथ ही कुछ बच्चों का पेट भी फूलने लगा था। कुछ बच्चे उल्टियां भी करने लगे थे। दूषित जल के संबंध में उन्होंने बताया कि स्कूल के हैण्डपम्प में खेत का पानी आने से बच्चों को अन्यंत्र स्थान के हैण्डपम्प से पानी लाकर पिलाया जा रहा है व खाना भी उसी पानी से बन रहा है। आज बच्चों की ऐसी स्थिति देखने के बाद उनके द्वारा भोजन का सैंपल ले लिया गया है उसकी जांच चिकित्सकों द्वारा कराई जा रही है। एक साथ इतने बच्चों के बीमार पड़ जाने से शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया और जिला शिक्षा अधिकारी योगेश शुक्ला, बीईओ एसपी जायसवाल, डीके राय, बीडी सिंह सहित प्रशासनिक अमला भी अस्पताल में पहुंचा हुआ था। मध्यान्ह भोजन करने से बीमार हुये बच्चों में मुस्कान उम्र 9 वर्ष, गीता 5 वर्ष, निमिशा उम्र 8 वर्ष, सविता उम्र 10 वर्ष, रीना उम्र 8 वर्ष, रानी लक्ष्मी 7 वर्ष, अनिषा 8 वर्ष, अनसनी 8 वर्ष, नैन्सी 7 वर्ष, अभिषेक 7 वर्ष, महेंद्र 7 वर्ष, दिनेश 6 वर्ष, अमर 7 वर्ष, सुनील 7 वर्ष, मानसी 7 वर्ष सहित 60 से अधिक बच्चे जो पहली से पांचवी तक के छात्र हैं वे मध्यान्ह भोजन खाकर बीमार हुये हैं व उनका उपचार जिला अस्पताल में जारी है।

[highlight color=”blue”]डॉ. रेलवानी…शिशु रोग विशेसज्ञ[/highlight]

मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी ने कहा कि प्रथम दृष्टया में बच्चों के स्वास्थ्य खराब होने का कारण कच्चा भोजन से अपच होना प्रतीत हो रहा है। वैसे फूड प्वांईजनिंग की भी स्थिति सामने आ रही है। दूषित जल भी एक कारण हो सकता है।

[highlight color=”blue”]भीम सिंह …कलेक्टर सरगुजा[/highlight]

सरगुजा कलेक्टर भीम सिंह ने सुंदरपुर प्राथमिक स्कूल में भोजन बनाने वाले दुर्गा स्व सहायता समूह को तत्काल हटाये जाने की बात कहते हुये कहा कि इस मामले की जांच होगी और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। बच्चों के स्वास्थ्य के स्थिति के बारे में उन्होंने बताया कि अभी बच्चो की स्थिति ठीक है। हमारी नजर लगातार बनी हुई है। बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, इसके लिये चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है।

[highlight color=”orange”]आनंद छाबडा ने की थी स्कूल की तारीफ़ [/highlight]

पुष्ट जानकारी के अनुसार डॉ अबदुलकलाम गुणवत्ता योजना के तहत तत्कालीन DIG आनंद छाबडा इस स्कूल में ग्रेडिंग निरिक्षण के लिए पहुचे थे, और फरवरी 2016 में श्री छाबडा ने स्कूल की व्यावास्थाओ और शिक्षा के गुणवता की जमकर तारीफ की थी, साथ ही इस कार्य के लिए स्कूल के प्रधान पाठक इंद्र कुमार सारथी को बधाई भी दी थी, लेकिन प्रशसनिक व्यवस्थाओं के तहत स्वयं सहायता समूह की लापरवाही के कारण इस उत्कृष्ट स्कूल पर दाग लग चुका है।

[highlight color=”orange”]प्रधान पाठक का हाल[/highlight]

इस मामले की अधिक जानकारी के लिए जब हम रात करीब 11 बजे जिला अस्पताल पहुचे तो स्कूल के प्रधान पाठक इंद्र कुमार सारथी अस्पताल के बाहर ही विचरण करते नजर आये । देर रात इस तरह परेसान देख उनसे उनका हाल जानना चाहा जिस पर इंद्र कुमार भावुक हो गए और कहा मेरे स्कूल के बच्चो को मै अपने बच्चो की तरह मानता हु। बच्चे अस्पताल में है तो मेरा भी घर जाने को मन नहीं कर रहा है। श्री सारथी स्कूल पर लगे इस दाग से काफी चिंतित है उनका कहना है की पूरे सेवा अवधी के दौरान कभी कुछ नही हुआ लेकिन रिटायरमेंट के 22 महीने ही शेष बचे है और स्वयं सहायता समूह की गलती के कारण ये सब हो गया, शुक्र है की किसी को कोई नुक्सान नहीं हुआ है । बहरहाल इंद्र कुमार का स्वास्थ भी काफी बिगड़ा हुआ था। लिहाजा लाख समझाईस के बाद वो घर जाने को राजी हुए।