मिड डे मील खाने के बाद 23 बच्चों की तबियत बिगड़ी, अलग-अलग सरकारी अस्पताल में कराए गए भर्ती, गांव पहुंची स्वास्थ्य और पीएचई विभाग की टीम



बिलासपुर। शहर के कोटा नगर पंचायत के सोनसाय गांव के 23 बच्चे शनिवार को अचानक बीमार पड़ गए। सभी बच्चों की उम्र 6 से 11 साल के बीच है। स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद बच्चों की तबीयत खराब हो गई। रविवार को सभी बच्चों को अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्चों की हालत स्थिर बताई है। बच्चों में सर्दी खांसी और बुखार की शिकायत भी डॉक्टर ने बताई है। अचानक इतने बच्चों के बीमार पड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग गांव में पहुंचा है। पानी की सैंपलिंग ली जा रही है। गांव वालों को पानी उबालकर पीने को कहा गया है।

कोटा क्षेत्र के ग्राम सोनसाय नवागांव के शासकीय स्कूल में रोज की तरह शनिवार को गांव के बच्चे पढ़ने के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने मध्यान्ह भोजन किया। पानी भी पिया। स्कूल में रहने के दौरान ही बच्चों को हल्का पेट दर्द की शिकायत हुई। घर आने के बाद एक-एक करके 23 बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। बच्चों को उल्टी दस्त होने लगा। परिजनों ने भी हल्के में लिया। लेकिन रविवार सुबह बच्चों की हालत गंभीर होने लगी। गांव में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दी गई। आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। बच्चों को रतनपुर, कोटा और अन्य सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य विभाग मामले में नजर बनाए हुए है।

बीमार बच्चों के परिजनों ने बताया बच्चे स्कूल में खाना खाए थे। शाम को घर लौटने के बाद बच्चों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। कुछ बच्चों को बुखार और सर्दी भी था। सभी बच्चों की स्थिति खराब होती जा रही थी। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कोटा के सोनसाय गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई है और उनके साथ पीएचई की टीम भी पहुंची है। पीएचई की टीम ने गांव के और स्कूल के पानी का सैम्पलिंग किया है। हालांकि गांव में सिर्फ वही बच्चे बीमार पड़े हैं जिन्होंने मध्यान भोजन किया है। ऐसे में आशंका है कि स्कूल में ही दूषित खानपान के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी है। स्वास्थ्य विभाग बच्चों में सर्दी खांसी और बुखार की शिकायत बता रहा है। मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि बच्चों को डायरिया हुआ है। फिलहाल ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।