ओपन स्कूल की परीक्षा मे ओपन नकल.. पत्रकारों पर हमले का आरोप

अंबिकापुर छत्तीसगढ राज्य ओपन स्कूल की परीक्षा बंद कमरों के अंदर शिक्षा विभाग की अधिकारियों की मौजूदगी में खुलेआम नकल करवाया जा रहा है। इसका खुलासा करने के लिए जब मीडियाकर्मी बलरामपुर जिले के परसागुडी परीक्षा केन्द्र में पहुंचे तो यहां सक्रिय परीक्षा माफियाओं ने पत्रकारों पर हमला कर दिया। नकल का संगठित कारोबार इतनी मजबूती के साथ किया जा रहा है कि पत्रकारों के पहुंचते ही उनका कैमरा और मोबाइल फोन लूट लिया गया। वहीं पुलिस कर्मियों को बुलाकर पत्रकारों को डरवाने की कोशिश की गई।

बलरामपुर जिले में ओपन परीक्षा में लाखों की अवैध उगाही की खबरे सामने आने के बाद शिक्षा माफिया पत्रकारों पर हमला करना शुरू कर दिए हैं। मंगलवार की सुबह साढे आठ बजे के करीब इसकी पोलखोल के लिए कुुछ संवाददाता यहां पहुंचे तो देखा कि कमरों का दरवाजा और खिडकियां बंदकर सामूहिक नकल करवाया जा रहा है। इसे कैमरे में कैद करने की जैसे ही कोशिश की गई, परीक्षा के दौरान मौजूद शिक्षकों ने परीक्षा केन्द्र के अंदर आने का आरोप लगाते हुए हंगामा खडा कर दिया। इतना ही नहीं तत्काल पुलिस को बुला लिया गया ताकि सामूहिक नकल का खुलासा न हो पाए। हद तो यह है कि अपनी कारगुजारी को छिपाने के लिए नकल करवाने वाले शिक्षकों को पहरा देने वाले दूसरे शिक्षक और केन्द्राध्यक्ष पत्रकारों पर परीक्षा के दौरान व्यवधान पैदा करने का आरोप लगाने लगे। माहौल खराब होते देख जब संवाददाता बाहर निकले तो स्कूल परिसर में बाहर खडे तथाकथित भाजपा और काांांग्रेस के नेता माफियाओं के भीड में आकर पत्रकारों का मोबाइल फोन लूटने लगे।

माफियाओं के द्वारा परीक्षा केन्द्र के बाहर रखा जाता है भीड

परसागुडी परीक्षा केन्द्र जब पहुंचे तो वहां बाहर लोगों की भीड कम थी लेकिन जैसे ही बाहर माफियाओं का पता चला कि पत्रकारों द्वारा खुलासा किया जा रहा है तो कुछ ही मिनटों में पचास से अधिक लोग पहुंच गए। इनमें वे लोग शामिल नहीं थे जिनके परीक्षार्थी अंदर परीक्षा दे रहे थे। बल्कि सभी के सभी मौजूद केन्द्राध्यक्ष के गुर्गे थे, जो स्कूल परिसर के अंदर पत्रकारों पर हमला करने से नहीं चुके।

सूरजपुर जिले का शिक्षाकर्मी और तथाकथित नेता बना परीक्षा माफिया

परसागुडी परीक्षा केन्द्र के बाहर भीड को उकसाने का काम राजेष वर्मा नामक एक व्यक्ति कर रहा था। जब इस व्यक्ति के बारे मे पडताल किया गया तो खुलासा हुआ कि वह सूरजपुर जिले के प्रतापपुर इलाके के एक स्कूल में शिक्षाकर्मी के पद पर कार्यरत है। इसके बाद भी वह राजपुर में रहता है और कभी कभार ही स्कूल जाता है। हालांकि वह परसागुडी केन्द्र में किस आधार पर पहुंच गया और भीड में शामिल होकर लोगों को पत्रकारों के खिलाफ उकसा रहा था यह जांच का विषय है।

नकल सामग्रियों को उपयोग के बाद आग के हवाले करते हैं माफिया

परीक्षा केन्द्र परिसर में हमने पाया कि जिस भवन में परीक्षा चल रहा था वहां से बीस मीटर की दूरी पर ही नकल सामग्रियों को एकत्रकर रखा गया था। जहां उपयोग के बाद नकल सामग्रियों को फेंक दिया गया था। वहां पर पहले के नकल सामग्रियों को जलाया गया था। इससे साफ प्रतीत हो रहा था कि नकल के बाद हर रोज नकल सामग्रियों को इसी जगह जला दिया जाता है।

बीईओ भी बंद कमरे के अंदर, सांठगांठ की आशका

राजपुर बीईओ सेरोफिना टोप्पो भी परसागुडी परीक्षा केन्द्र में मौजूद थीं। उनके सामने सारा घटनाक्रम हुआ। इसके बाद भी वे खामोष रहीं, इससे उनकी संलिप्तता की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि बीईओ पर पहले ही रिशवतखोरी का आरोप लग चुका है।

  1. गौरव दिृवेदी, सचिव, शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ शासन 
    बलरामपुर हमले की घटना को चेक करवाता हूं। नकल संगठित होकर करवाने की जांच करवाई जाएगी।