आचार संहिता में अपनी दुश्मनी भुना रहे सरकारी मुलाजिम… पहले की छेड़खानी फिर दी फंसाने की धमकी.. अब मांग रहे पैसे!..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..देश में लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है. ऐसे समय में राजनैतिक दल जहां चुनाव प्रचार में व्यस्त है. तो वही कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन की टीम भी मुस्तैद है. ऐसे समय में सरकारी नियमो को हथियार बनाकर अपनी जेबें गर्म करने वाले वीर शुरमाओ की कमी भी नही है. एक ऐसा ही मामला आज जिले ग्राम झलपी में देखने को मिला. जहां घर में सो रही गर्भवती महिला के साथ साथ पहले तो आबकारी के अमले ने मारपीट की. जिसके बाद उसके घर की तलाशी ली. पीड़ितों का आरोप है की आबकारी के अमले में एक आरक्षक ऐसा भी था जिसने मौके पर उसे जमकर धोया. लेकिन तलाशी के बाद भी आबकारी की टीम को कुछ नही मिला. वही अब यह मामला पुलिस के पास में है. पुलिस ने पीड़ितों का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया है और डॉक्टर के ओपिनियन का इंतजार कर रही है.

दरअसल, आदर्श आचरण संहिता के प्रभावशील होने के बाद निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश पर मादक पदार्थो की धर-पकड़ की मुहिम तेज कर दी गई है. और उसके परिणाम भी देखने को मिल रहे है. लेकिन इसी बीच कुछ ऐसे कर्तव्य निष्ठ कर्मचारियों की बानगी देखने को मिल रही है जो लंबे समय से अपने गृह क्षेत्र में पदस्थ है. और अपनी दुकानदारी चमका रहे है. मानो ऐसा की निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन इनके लिए वरदान बन गयी हो.

एक ऐसा ही मामला आबकारी विभाग में पदस्थ आरक्षक अशोक गुप्ता को लेकर के सामने आया है. अशोक पर आरोप है कि उसने आज दोपहर आबकारी विभाग की टीम के साथ करमचंद गुप्ता के घर झलपी मे दबिश दी थी. इस दौरान उसने घर मे मौजूद गर्भवती महिला के साथ छेड़खानी करते हुए मारपीट की. इतना ही नही मौके पर जो भी बीच बचाव में आया में आया एक डिटर्जेंट टिकिया की तरह धोते चला गया. उसके बाद भी मन नही भरा तो पीड़ित परिवार को आबकारी एक्ट के मामले में फसाने की धौस भी दी. और बकायदा 50 हजार की मांग भी की. पैसा लेकर आबकारी के कंट्रोल में आमंत्रित भी कर दिया. इन सब को देख कर तो ऐसा ही लग रहा है, की लोकतंत्र का यह पर्व कुछ सरकारी मुलाजिमों के लिए पैसे कमाने, गुंडागर्दी करने का दुकान बनकर रह गया है.

बहरहाल अब यह मामला पुलिस के पास है. यह वही पाक साफ पुलिस है, जिस पर अवैध शराब पकड़ने के बहाने ऐसे गंभीर आरोप लगते रहे है. वर्तमान में यही आरोप आबकारी पर लगे है. स्थानीय प्रशासन के मुखिया ने इस पर गहरी नाराजगी भी ज़ाहिर की है, ऐसे में अब देखने वाली बात है कि आदर्श आचरण संहिता में किस पर और किस तरह की कार्यवाही स्थानीय निर्वाचन अधिकारी करने के मूड में है.