बलरामपुर : तत्कालीन कलेक्टर की पहल पर कभी दूधिया रौशनी से जगमगा उठा था गौरवपथ.. मगर अब धीरे-धीरे अंधेरा हो गया कायम..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार).. गौरवपथ में लगे स्ट्रीट लाइटों को खराब हुए लगभग 2 माह से अधिक का समय बीत चुका है..बावजूद इसके अबतक स्ट्रीट लाइटों को लगाया नही गया है..गौरवपथ पर स्ट्रीट लाइट के नामपर महज पोल ही बचे हुए है..और रात में अंधेरे की वजह से गौरवपथ से गुजरने में नगरवासी परहेज करने लगे है!..

दरअसल बलरामपुर राजस्व जिले के रूप में वर्ष 2012 में अस्तित्व में आया था..जिसके बाद से जिले में भौतिक संसाधनों के लिये कवायद तेज हुई थी..और उन्ही में से एक तत्कालीन रमन सरकार की महत्वपूर्ण योजना गौरवपथ पर अमल करते हुए..गौरवपथ का निर्माण कराया गया..यही नही गौरवपथ की सुंदरता को निखारने तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण की पहल पर लाखो रुपये खर्च कर गौरवपथ के डिवाइडर के बीचों -बीच स्ट्रीट लाइट लगाई थी..लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि स्ट्रीट लाइट को अभी तक नगर पालिका को हेंडओव्हर नही किया गया..और अब आलम यह है..की गौरवपथ में स्ट्रीट लाइट के नामपर महज पोल ही बचे हुए है..तथा स्ट्रीट लाइट रिपेयरिंग के नामपर बल्ब निकाल लिए गए है!..

कभी दूधिया रौशनी से जगमगा उठा था गौरवपथ!..
तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण के कार्यकाल में कभी रात के अंधेरे में दूधिया रौशनी से चमकने वाला गौरवपथ अब शाम होते ही अंधेरे के आगोश में चला जाता है…स्ट्रीट लाइट को चालू करने कई बार निचले स्तर से लेकर कलेक्टर तक को शिकायत की गई..मगर स्थिति मे सुधार नही हुआ..ऐसा नही है कि..इस गौरवपथ से जिम्मेदार अधिकारी रात के अंधेरे में ना गुजरते हो..मगर अधिकारियों को शायद गौरवपथ पर अंधेरा ही अच्छा लगने लगा है!..

गौरवपथ पर अंधेरे के चलते अनहोनी की आशंका बनी रहती है..जिसके चलते लोग रात में गौरवपथ पर चलने से भी कतराते है!..

मालिकाना हक के लिए तकरार!..
वही स्ट्रीट लाइट के मालिकाना हक के लिए नगर पालिका और इएण्डम के बीच तकरार पहले से ही बरकरार है..और एसडीएम बलरामपुर अजय किशोर लकड़ा की माने तो वे एक दो दिन में गौरवपथ पर स्ट्रीट लाइट लगवाने की कवायद में जुटे हुए है!..

जबकि इएण्डम की एसडीओ रीता सेन अब इस पूरे मामले से बचते हुए..पल्ला झाड़ती नजर आ रही है!..