Chhattisgarh News: स्वास्थ्य मंत्री के जिले में अस्पताल का ये हाल! 35 बच्चों की कैपेसिटी वाले वार्ड में ठुसे गए 52 बच्चें

अम्बिकापुर. सरगुजा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उदयपुर विकासखंड से आए 7 महीने के मां और बच्चे के साथ पहुँचे परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। जहा अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करा दिया गया। लेकिन बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में एक साथ 3-3 बच्चे को एक ट्रे में रखा गया था। इससे संक्रमण का खतरा की आशंका मां और परिजनों ने जताई।

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दरअसल, अम्बिकापुर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल हमेशा अपने कारनामों के लिए सुर्खियों में रहता है। यही वजह है कि एक बार फिर अम्बिकापुर के एसएनसीयू वार्ड में उदयपुर विकासखंड क्षेत्र से पहुंचे मां और 7 महीने के बच्चे को इलाज के लिए एसएनसीयू वार्ड में भर्ती तो कर दिया गया, लेकिन इस समय  अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 से 35 बच्चों की कैपेसिटी वाले इस एसएनसीयू वार्ड में 52 बच्चों को एक साथ रखा गया है। जिसमें परिजनों सहित स्थानीय लोगों ने बच्चों पर संक्रमण का खतरा जताते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप भी लगाया है।

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इधर अस्पताल प्रबंधन ने संक्रमण की बात तो मानी है, लेकिन अस्पताल में जितनी व्यवस्थाएं होंगी। उसी प्रकार से स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों को मिलने की बात कही है। अस्पताल प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना बयान से लगता नहीं है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाती हैं। बहरहाल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिले का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्यापक सुविधाएं नहीं होने से आए दिन मरीज व मरीज के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री पर स्थानीय लोगों के द्वारा सवाल उठाना तो लाजमी हो जाता है। अब देखना होगा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं कब तक सरगुजा संभाग के क्षेत्र के लोगों को मिलता है।

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