छत्तीसगढ़: मधुमक्खियों के झुंड ने बुजुर्ग-बच्चों सहित दर्जनों को मारा डंक, मची अफरा-तफरी

सीतापुर/अनिल उपाध्याय। सीतापुर नगर में निकली निशान यात्रा के दौरान जयस्तंभ चौक के पास मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। जिससे दर्जनों लोग उसके शिकार हो गए। मधुमक्खियों के हमले में बड़े बुजुर्ग के अलावा बच्चे भी चपेट में आ गए। जिससे चौक के पास अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया था, जो जिधर पाया भागकर मधुमक्खियों से अपनी जान बचाया। गनीमत ये रही कि, मधुमक्खियों के हमले से चंद मिनट पहले श्री श्याम सेवा समिति की निशान यात्रा चौक से गुजरी थी। उस दौरान अगर कही वो मधुमक्खियों के निशाने पर आ जाता तो काफी भयावह स्थिति निर्मित हो जाती। आए दिन होने वाले मधुमक्खियों के हमले से पीड़ित लोगों ने शासन-प्रशासन से मधुमक्खियों का छत्ता हटाने के लिए उचित सहयोग करने की माँग की है।
       
गौरतलब है कि, नगर के जयस्तंभ चौक के पास स्थित सार्वजनिक शिव मंदिर प्राँगण में मौजूद पीपल के वृक्ष में मधुमक्खियों ने काफी तादाद में छत्ता बना लिया है। जहाँ दिनों दिन छत्ते की संख्या बढ़ती जा रही है, जो लोगो के लिए चिंता का विषय बन गया है। हालात इतने बदतर हो गए है कि, आए दिन छत्ते में मौजूद मधुमक्खी लोगो पर हमला कर रहे है और उन्हें अपना शिकार बना घायल कर दे रहे है। ज्यादातर परेशानी मंदिर में पूजा करने जाने वाले भक्तों को होने लगी है। क्योंकि इन पर अक्सर मधुमक्खी का हमला होता है, जिससे इनकी जान पर बन आती है।

बीते महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर में पूजा करने आये भक्तों की भीड़ पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में महिला-पुरुष से ज्यादा बच्चे मधुमक्खी के चपेट में आ गए थे, जिससे उनकी जान पर बन आई थी। आनन फानन में सभी को हॉस्पिटल ले जाया गया था। तब कही जाकर उन्हें बचाया जा सका था। ठीक उसी तर्ज पर श्री श्याम सेवा समिति द्वारा निकाली गई निशान यात्रा के दौरान भी मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। इस हमले के दौरान निशान यात्रा आगे बढ़ गई थी किंतु स्थानीय लोग इस हमले की चपेट में आ गए। जिन्हें मधुमक्खियों ने दौड़ा-दौड़ाकर अपना शिकार बनाया। इस बार भी बड़े लोगो से ज्यादा बच्चे चपेट में आए, जिन्हें मधुमक्खियों ने डंक मारकर घायल कर दिया।

इस दौरान काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया था, जो जिधर पाया उधर भागकर अपनी जान बचाई। गनीमत ये रही कि निशान यात्रा इसकी चपेट में नही आया वरना बड़ा हादसा हो सकता था, क्योकि उस यात्रा में पुरुषों की बजाए महिला और बच्चों की संख्या काफी ज्यादा थी। आए दिन मधुमक्खियों के हमले से पीड़ित लोगों ने इस मामले में शासन-प्रशासन से सहयोग की उम्मीद करते हुए मंदिर प्राँगण से मधुमक्खी का छत्ता हटाने के लिए उचित पहल करने की माँग की है, ताकि भविष्य में किसी अनहोनी से बचाव हो सके।

साप्ताहिक बाजार लगता है यहाँ-

जहाँ मधुमक्खियों का छत्ता है, वहाँ बुधवार को साप्ताहिक बाजार लगता है। बुधवार को लगने वाला बाजार क्षेत्र के लिहाज से काफी बड़ा बाजार है जहाँ आसपास से हजारों की संख्या में लोग बाजार में आते हैं। ऐसी स्थिति में अगर बाजार के दिन अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया, तो फिर अंदाजा भी नही लगाया जा सकता है कि, इसका अंजाम क्या होगा। बाजार में आने वाले व्यापारी हमेशा मधुमक्खी के संभावित हमले से डरे सहमे हुए रहते है। समय रहते इस खतरे से निपटने के लिए अगर कोई उचित कदम नही उठाया गया, तो कभी भी किसी बड़े हादसे की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।

“इस संबंध में सीएमओ एसके तिवारी ने बताया कि, नगर पंचायत में ऐसा कोई प्रावधान या कोई बजट नही रहता है। ताकि मधुमक्खियों के छत्ते हटाने में होने वाले खर्च के रूप में उपयोग किया जा सके।”