24 घंटे से चक्का जाम कर रहे ग्रामीणो ने रात होते ही सडक मे डाली खाट … सडक किनारे ही बन रहा भोजन

  • अदानी के ट्रक अब बने मुसीबत का पहाड
  • घर मे सोने की जगह ग्रामीणो ने सडक पर डाली खाट 
  • सडक किनारे महिलाए बना रही है आंदोलनकारियो के लिए भोजन
  • प्रतिबंधित मार्ग से अदानी के ट्रक ले जा रहे है कोयला  

अम्बिकापुर  कोयला परिवहन मे लगे  भारी ट्रक ,ट्रेलर किस तरह इंसान के लिए मुसीबत बन गए है इस बात का आज अम्बिकापुर से लगे आमगांव के लोगो को विरोध के बाद पता चला । दरअसल बिलासपुर  से मनेन्द्रगढ को जोडने वाली बाईपास सडक मे स्थित आम गांव के लोगो ने अपने गांव की बदहाल सडक के लिए जिम्मेदार अदानी और एसईसीएल के कोयला लोड ट्रको को रोकर पहले तो चक्का जाम कर दिया । बाद मे वो सडक मरम्मत या फिर से नई सडक निर्माण की मांग को लेकर सडक पर ही बैठ गए । आम तौर पर किसी विरोध प्रदर्शन को लेकर आक्रोशित लोग कुछ देर तक चक्का जाम करते है और फिर प्रशासन के आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त कर देते है । लेकिन आमगांव चककाजाम मामले मे सुबह 10 बजे से चक्का जाम कर सडक मे बैठे लोगो ने सडक को ही अपना आशियाना बना लिया है । लोग सडक पर केवल बैठकर प्रदर्शन नही कर रहे है बल्कि ग्रामीणो ने घर के खाट और बर्तन भी प्रदर्शन स्थल पर मंगवा लिए है । इतना ही नही गांव के पुरुष जहां सडक पर खटिया औऱ दरी डाल कर रात्रि वही सोने पर आमदा है तो वही महिलाए सडक के किनारे ही घर बना रही है। मतलब इस प्रदर्शन मे नई बात ये है कि आमगांव के ग्रामीण अब तब तक सडक से नही हटने के मूड मे है , जब तक कि इस सडक से कोयला परिवहन मे लगे ट्रक बंद नही हो जाते है और सडक की मरम्मत नही हो जाती है। इधर इस मामले के तूल पकडने के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के अध्यक्ष दानिश रफीक ने रात तकरीबन 10 बजे ग्रामीणो से मुलाकात की है और मनाने की कोशिश भी की । संभवत श्री रफीक कि बातो से ग्रामीणो का आक्रोश कुछ हद तक शांत हुआ है।

कई बार हो चुके है हादसे 

अम्बिकापुर के सांडबार बैरियर से निकली बाईपास सडक कई गांव से गुजर कर मनेन्द्रगढ रोड के कालीघाट मे निकलती है। दरअसल इस सडक मे आय दिन कोई ना कोई दुर्घटना भी होती रहती है और अदानी और एसईसीएल के ओवर लोड ट्रक ट्रेलर के कारण शहर की सबसे अच्छी सडक माने जाने वाली ये बाईपास पूरी तरह खराब हो चुकी है। जिसके कारण ग्रामीणो का आक्रोश इस कदर फूट गया है कि अब ग्रामीण घर बाडी छोडकर सडक पर ही अपना आशियाना बना चुके है और ये मांग कर रहे है कि सडक से तब तक नही हटेंगे , जब तक इस सडक से कोयला परिवहन बंद नही हो जाता है। गौरतलब है कि इस सडक मे कोयला लोड ट्रको ने कई मासूम बच्चो , बच्चियो और ग्रामीणो को जान ली है। जिसके बाद भी कई बार ग्रामीणो ने प्रदर्शन भी किया , लेकिन प्रशासन के मनाने मे ग्रामीण हर बार मान गए। लेकिन इस बार ऐसा नही लगता कि ग्रामीण किसी आश्वसन मे आने वाले है…..

पुलिस भी वही गुजार रही है रात

आमगांव के ग्रामीणो के सडक पर डेरा डालने के बाद काफी संख्या मे तैनात पुलिस बल के जवान भी वही सडक पर रात गुजारने की स्थिती मे नजर आ रहे है , ग्रामीणो को मुताबिक उनके प्रदर्शन को देखते हुए तैनात पुलिस कर्मियो को भी ग्रामीणो के द्वारा ही खाने की व्यवस्था की जा रही है । हांलाकि जानकारी ये भी है कि प्रशासन और अदानी कंपनी के कई नुमाईंदो ने ग्रामीणो को समझाने का प्रयास किया है लेकिन ग्रामीण पहले कारवाही चाहते है ।

अब प्रतिबंधित मार्ग से जा रहे अदानी के ट्रेलर 

सुबह तकरीबन 10 बजे शुरु हुए ग्रामीणो के चक्का जाम को समाचार लिखे जाने तक 13 घंटे हो चुके है,, ऐसे मे बिलासपुर रोड मे अदानी के कोयला लोड ट्रको की लंबी कतार लग गई थी। जिससे आज दिन भर बिलासपुर रोड मे ट्रको की लंबी कतार से कई किलोमीटर तक अव्यवस्थित ट्राफिक का नजारा देखा गया। जिसके बाद रात तकरीबन 10 बजे से अदानी के कोयला लोड ट्रक की अम्बिकापुर शहर के रास्ते आवाजाही होने लगी। गौरतलब है कि अदानी के ट्रको का शहर मे प्रवेश वर्जित है , लेकिन उसके बावजूद इन ट्रको के शहर से गुजरने से अब अम्बिकापुर मे भी हादसे का खरता मंडराने लगा है। हांलाकि फिलहाल रात का समय है , लेकिन अगर ग्रामीणो का चक्का जाम कल भी नही थमा और अदानी के ट्रक शहर से गुजरे तो फिर ना केवल अम्बिकापुर की ट्राफिक व्यवस्था बदहाल होगी, बल्कि तेज रफ्तार कोयला लोड ट्रक किसी भी संभावित हादसे के जिम्मेदार भी बन सकते है।