पीएम मुद्रा ऋण योजना का लोन मिलना टेढ़ी खीर

रोजगार शुरू करने के लिए बड़ी संख्या में बेरोजगार बैंक पहुंच रहे, पर फार्म ही नहीं मिल रहा,बैंक कर्मियों द्वारा गारंटर की भी मांग  

कोरिया ( J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट)

प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना का जिस तरह से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है उससे युवाओं को लगा कि अब वे भी ऋण लेकर स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। पर इसके लिए जो आवश्यक कागजात मांगे जा रहे हैं उन्हें जुटा पाना युवाओं के लिए मुश्किल है। यही कारण है कि वे निराश हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना का जिस तरह से प्रचार-प्रसार करते हुए जरूरतमंदों को आसानी से ऋण देने की बात कही जा रही है वह उल्टा पड़ता हुआ नजर आ रहा है। जरुरतमंद बेरोजगार युवक व ग्रामीण रोजगार शुरू करने के लिए बड़ी संख्या में छत्तीसगढ राज्य स्तरीय ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक व सेंट्रल बैंक पहुंच रहे हैं। पर उन्हें ऋण मिलना तो दूर फाॅर्म तक नहीं मिल पा रहा है। जिन्हें फार्म मिल गया है उनसे इतने दस्तावेज मांगे जा रहे हैं कि उन्हें जुटाने में महीनों लगेंगे। बैंकों में मांगे जा रहे दस्तावेज जुटाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए युवा ऋण न लेना ही उचित समझ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बैकों में सक्रिय दलालों को पकड़कर ऋण पास कराने की जुगत में हैं। यही वजह है कि जब से प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना का प्रचार शुरू हुआ है तब से बैंकों के आस-पास व बैंकों में लोन पास कराने का काम करने वाले दलाल व ब्याज का काम करने वाले सूदखोर सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना का फार्म लेने के लिए बड़ी संख्या में बेरोजगार बैंक पहुच रहे हैं। 

कई दस्तावेज मांग रहे

 

दो गारंटर मांगे जा रहे इसके लिए

 

कागजात जुटाना मुश्किल हुआ
बेरोजगार युवाओं की राह आसान नहीं है, 25 लोगों को ही ऋण देना है – 

संवर सकती है युवाओं की जिंदगी

युवा रोजगार की तलाश में हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना के तहत जरुरतमंदों को ऋण देने की योजना शुरू की गई तो युवाओं को लगा वे भी स्वरोजगार से जुड़ पाएंगे। पर इसके लिए जो कागजात मांगे जा रहे हैं उसे जुटा पाना संभव नहीं है। इस दिशा में अधिकारी व संचालित बैंक अधिकारी बेरोजगारों की परेशानी ध्यान में रखकर योजना का क्रियान्वयन करें तो बेरोजगारों की जिंदगी संवर सकती है। पर इसके लिए अधिकारियों को भी इस ओर ध्यान देना होगा तभी व्यवस्था सुधर सकेगी।