स्वच्छता अभियान को लेकर रैली और रंगोली प्रतियोगिता

अम्बिकापुर

स्वच्छता ना तो प्रचार की विषय वस्तु है और ना ही प्रदर्शन की, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना अलग चीज है, किन्तु उसी स्वच्छता के नाम पर हम हाथ में झाड़ू लेकर सफाई करते दिखें, पोछा मारते दिखें, 20-25 की संख्या में एक वृक्ष को पकड़ कर वृक्षारोपण करते दिखें, यह ना तो स्वच्छता है और ना ही वृक्षारोपण, यह केवल हमारा प्रदर्शन भर है। स्वच्छता का अर्थ यह है कि हमारे घर में, घर के आस-पास, मुहल्ले में गंदगी दिखी और फिर उसे सफाई करने खुद झाडू़-फावड़ा लेकर साफ सफाई में लग गये, एक को देख कर दूसरा और दूसरे से तीसरा बस यही वह क्रम है जो कि स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करता है, हमें यह चाहिए कि स्वच्छता का प्रदर्शन किये बिना हम अपने घर, मुहल्ले, गली, चैराहे और फिर जिला, राज्य व देश को स्वच्छ करने में लग जायें। स्वच्छता मिशन का उद्देश्य और लक्ष्य तभी पुरा हो सकता है।unnamed (32)
उक्ताशय श्री अजय नारायण सिंह, प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर सुभाषनगर के द्वारा स्वच्छता विषय पर आयोजित रैली के बाद मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही गई। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय, विद्यालय में यदि स्वच्छता के कार्यक्रम लगातार चलते रहे और इस विषय को भी प्राथमिक, माध्यिम व उच्च शिक्षा में स्थान दिया जाये तो महाविद्यालय और विद्यालय से निकलने वाले बच्चों के द्वारा समाज में स्वच्छता के प्रति विशेष कार्य किया जा सकता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सरगुजा साइंस ग्रुप के अध्यक्ष अंचल ओझा ने कहा कि घर के अंदर और बाहर की स्वच्छता के साथ-साथ हमें अपने मन को भी स्वच्छ करने की आवश्यकता है, शरीर को भी स्वच्छ रखने की आवश्यकता है, कहा जाता है कि कोई भी राष्ट्र और समाज का विकास तभी संभव है जब कि वहां पर रहने वाले लोग आपस में संगठित हों, मन और शरीर की स्वच्छता की आवश्यकता भी अहम है। हमें उम्र के साथ-साथ अपने शरीर की आवश्यकता, देखरेख का भी विशेष ध्यान देना चाहिए, कैसे हम सभी के साथ मिलजुल कर रहे, संगठित हो कर रहें इस पर भी विचार करना चाहिए और अपने मन को स्वच्छ रखने का भरसक प्रयास करना चाहिए। घर में एक-दूसरे की तू-तू मैं-मैं तो लगी ही रहती है, बाहर भी हम आस-पड़ोस से भी किसी न किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित करते रहते हैं, हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए कि यदि हमें अपने मुहल्ले, वार्ड, नगर और राज्य को स्वच्छ बनाना है तो एक दूसरे का विरोध करना छोड़ स्वच्छ और स्वस्थ्य मन से स्वच्छता अभियान से जुड़ें और दूसरे के घर के सामने अथवा नाली में कचड़ा फेंकना छोड़ उकसा उचित निपटान कैसे हो इस पर विचार करना चाहिए। महाविद्यालय की युवतियों को सम्बोधित करते हुए किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन, बिमारी से बचाव और महिलाओं को मिले अधिकार के बारे भी जानकारी दी।
कार्यक्रम आयोजनकर्ता स्नेहालय फाउण्डेशन की अध्यक्ष श्रीमती ममोल कोचेटा ने बताया कि सरगुजा जिले में स्वच्छता को लेकर व्यापक पैमाने पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मुहैया कराते हुए कार्य किये जा रहे हैं। वार्डों में एसएलआरएम सेंटर बनाकर कचड़ों का उचित निस्तारीकरण तथा उससे आय के साधन जिला प्रशासन और नगर निगम के द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं। आने वाले समय में अम्बिकापुर नगर निगम और सरगुजा जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने व्यापक पैमाने पर इस तरह के कार्यक्रम की रूपरेखा बनायी जा रही है, हमें भी इन आंदोलनों से जुड़कर अपने नगर और जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने प्रयास करना है। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. छवि मंडल ने किया। रंगोली तथा भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक श्री अजय नारायण सिंह, चैती unnamed (35)अग्रवाल व सविता सिंह थी।

इसके पूर्व सरस्वती महाविद्यालय तथा शिक्षा महाविद्यालय(बी.एड.) के छात्र-छात्राओं ने रैली निकाल कर आमजनों को स्वच्छता का संदेश दिया। इसके बाद मां सरस्वती की छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर तथा दिप प्रज्वलन कर कार्यक्रम के अतिथियों ने स्वच्छता संदेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में स्वच्छता विषय पर रंगोली तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। भाषण व रंगोगी प्रतियोगिता में दीपक कुशवाहा, प्रिया सिंह, ममता एक्का, अंकिता मिश्रा, जय प्रकाश, अनुपमा सिंहदेव, श्याम नारायण, नितेश, निरज, अतुल डोमेश्वर, गुलाल सहित रंगोली प्रतियोगिता में दिप्ती, पुष्पा, कंचन, साक्षी, प्रियंका, अंशु, अल्का, सोनी, निमा, मिनू, प्रियंका, प्रिया सिंह, निशा गुप्ता, वर्षा नेताम प्रशंसा सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सरस्वती काॅलेज व बी.एड. काॅलेज के समस्त स्टाफ डाॅ. श्रद्धा मिश्रा, रानी रजक, सुप्रिया सिंह, प्रेमलता जायसवाल, उर्मिला यादव, अपराजिता, गोल्डन सिंह, अजित सिंह, सुधीर मिश्रा, श्री ऋषि सिंह, धमेन्द्र श्रीवास्तव, अभिषेक यादव, अर्पित कुशवाहा, रानु निशा, गौरी सिंह, अर्चना दुबे सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।