मनरेगा में भ्रष्टाचार को लेकर आमरण अनशन : प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद टूटा अनशन

सूरजपुर(प्रतापपुर) 

  • मंंगलवार से कार्यवाही शुरु करने का आश्वासन
  • अपर कलेक्टर खुद पंहुचे अनशन स्थल
  • 3 करोड की वसूली और कई अधिकारियो पर होनी है एफआईआऱ

महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत जिले भर मे हुए कार्यो मे भ्रष्टाचार और उस पर पारित अवार्ड पर भी कोई कार्यवाही ना होने के विरोध पर , प्रतापपुर मे दो युवक 2 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे थे। पिछले 4 दिनो से आमरण अनशन के बाद आज रविवार को प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर अनशन स्थल पर पंहुचे। और अनशनकारियो को समझाईस देने की कोशिश की। लेकिन बाद मे कार्यवाही का लिखित आश्वसन देने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेडने वाले दोनो नवयुवको ने अनशन समाप्त किया।

2 अक्टूबर गांधी जंयती के दिन से गांधीवादी तरीके से आमरण अनशन करने वाले प्रतापपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राकेश मित्तल और जिशान खान लंबे अर्से से भ्रष्टचार के पुष्ट दस्तावेजो के साथ दोषी अधिकारियो के खिलाफ कारवाही की मांग के साथ मनरेगा के तहत बंदरबाट की गई राशि की वसूली करने की मांग करते आए है। लेकिन वर्षो से लंबित कार्यवाही के कारण 2 अक्टूबर से दोनो युवक कारवाही की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए। 4 दिनो से भूखे प्यासे अनशन पर बैठे आऱटीआई कार्यकर्ताओ के मुताबिक अविभाजित सरगुजा मे मनरेगा के तहत दो दर्जन से अधिक मामलो मे मामलो की जांच मनरेगा के लोकपाल द्वारा की गई थी। और लगभग सभी मामलो मे अधिकारियो के भ्रष्टाचार और शासकीय राशि के दुरुपयोग और गबन का मामला सामने आया था। इसके साथ ही इन सभी मामलो मे मनरेगा के लोकपाल द्वारा अवार्ड पारित करते हुए संबधित विभाग के अधिकारियो के 3 करोड से अधिक की राशि वसूलने के साथ ही दोषी अधिकारियो के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज कराने के आदेश भी हुए थे। लेकिन राजनैतिक दबाव के कारण आज तक ना ही दोषी अधिकारियो पर कारवाही हुई और ना ही गबन की गई राशि वसूली की गई है। unnamed (21)

इधर मनरेगा मे हुए करोडो रुपए के भ्रष्टाचार पर दस्वावेजी शिकायतो के बाद भी कोई कार्यवाही ना होने से क्षुुब्द होकर राकेश मित्तल और जिशान खान नाम दोनो आरटीआई कार्यकर्ता 2 अक्टूूबर से प्रतापपुर तहसील कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठे थे। लेकिन इस बात की खबर जिला प्रशासन के पास पंहुचने के बाद पूरे प्रशासनिक अलमे मे हडकंप मच गया। लिहाजा आज रविवार को सूरजपुर जिला प्रशासन की ओर से खुद अपर कलेक्टर धृतलहरे अनशन स्थल पर पंहुचे। और आमरण अनशन कर रहे दोनो आरटीआई कार्यकर्ताओ को कार्यवाही का भरोसा दिलाया। लेकिन बाद मे अपर कलेक्टर की लिखित अनुमति और अनशन स्थल पर मौजूद आम लोगो की सहमति के बाद दोनो को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया गया।

आज अनशन स्थल पर आरटीआई कार्यकर्ता राकेश मित्तल और जिशान खान के समर्थन मे अम्बिकापुर से आरटीआई कार्यकर्ता डी.के. सोनी भी पंहुचे थे। जिन्होने खुद मनरेगा के तहत हुए कई कामो के दस्तावेज आरटीआई के तहत प्राप्त किए है। जिनमे से कई मे उनकी शिकायत के बाद लाखो की वसूली के आदेश दिए गए है। लेकिन वो भी अभी तक ठंडे बस्ते मे है।