सरकार की अक्षमता का खामियाजा किसान क्यों भुगते – कांग्रेस

किसानों के एक-एक दाना धान की खरीदी करे सरकार

रायपुर 05 अक्टूबर 2014

कस्टम मिलिंग न हो पाने के कारण किसानों से सिर्फ 10 क्ंिवटल धान खरीदी किये जाने के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भूपेष बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि धान की कस्टम मिलिंग कराना तो राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग न करा पाने का नुकसान छत्तीसगढ़ के धान उगाने वाले किसानों को उठाना पड़े, भाजपा सरकार के लिये इससे ज्यादा षर्मनाक और कुछ भी नहीं हो सकता है। चुनाव निकलते ही भाजपा ने हमेषा यूज एण्ड थ्रो की पाॅलिसी का सहारा लिया। राषन कार्ड धारकों के बाद अब धान उगाने वाले किसानों के साथ यही धोखाधड़ी यही साजिष यही प्रपंच किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की 85 प्रतिषत जनसंख्या कृशि पर अपनी आजीविका के लिये निर्भर है। भाजपा सरकार के इस फैसले ने किसानों के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ के किसानों की अर्थव्यवस्था को धूल चटा दी है। कांग्रेस नेताओं ने सरकार से मांग की है कि सरकार तत्काल धान खरीदी के अपने फैसले को वापस ले अपने वायदे अनुसार तथा परंपरागत रूप से किसानों के एक-एक दाना धान की खरीदी की जाये।

 

धान के मुद्दे पर विरोध को दबाने में पुलिस का दुरूपयोग
कांग्रेस भवन में बलात पुलिस घुसी
सरकार दादागीरी पर उतरी – कांग्रेस

भाजपा सरकार की धान खरीदी नीति का विरोध कर रहे कांग्रेस के प्रदर्षन को दबाने के लिये पुलिसिया रवैय्ये की प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री षैलेष नितिन त्रिवेदी ने कड़ी निंदा की है। आज बड़े पैमाने पर पुलिस बल कांग्रेस भवन में तैनात किया गया। एल.एम.जी. धारी पुलिस जवानों का दस्ता कांग्रेस भवन में तैनात किया गया था। बड़ी संख्या में खादी वर्दी में पुलिस के जवान कांग्रेस भवन के अंदर घुस आये थे जो कार्यकर्ताआंे में दहषत फैलाने का कार्य कर रहे थे। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री अपने किसान विरोधी फैसले की तीखी प्रतिक्रिया से डर गये हैं घबराहट में विपक्षी दल के विरोध के दमन के लिये अलोकतांत्रिक रवैया अपना रहे हैं। विरोध के स्वर को दबाने के लिये पुलिस का दुरूपयोग किया जा रहा है जो आपत्तिजनक है। प्रमुख विपक्षी दल के कार्यालय में बड़ी संख्या में हथियारबंद पुलिस को भेजना सादी वर्दी में पुलिस जवानों का कार्यकर्ताओं को डराना, धमकाना इस बात को साबित करता है कि भाजपा सरकार अपने किसान विरोधी फैसले का लोकतांत्रिक विरोध भी बर्दाष्त नहीं कर पा रही है।