समृद्ध सरगुजा में शव को नहीं नसीब हुआ शव वाहन..10 Km. पैदल शव कंधे पर रख पहुचे अस्पताल

अम्बिकापुर

सरगुजा ले आला अधिकारी और नेता यह कहते नहीं थकते की स्वस्थ सरगुजा, स्वच्छ सरगुजा, समृद्ध सरगुजा लेकिन इस स्लोगन के ठीक उलट सरगुजा के हालात कुछ और ही है यहाँ बतौली विकासखंड के सेदम शंकरघाट पटेरपानी में दो पहाड़ों के बीच रहने वाली एक महिला की उसके ही घर में टंगिया व डंडे से सिर पर प्रहार कर हत्या करने के मामले में पुलिस व प्रशासन का गैर जिम्मेदार रवैया सामने आ रहा है। दरसल मंगलवार की सुबह महिला का लहूलुहान शव ग्रामीणों ने देखा और घटना की जानकारी पुलिस दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा बनाकर पीएम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने का आदेश जारी कर दिया। लेकिन गाँव में शव वाहन की सुविधा ना होने के कारण महिला के शव को पोस्टमार्टम कराने परिजनों को कंधे पर शव लेकर १० किलोमीटर दूर बतौली से लगे शांतिपारा आना पड़ा। वही पुलिस ने पोस्टमार्टम का आदेश तो जारी कर दिया लेकिन परिजनों के लिए पुलिस शव वाहन तक मुहैय्या नहीं करा सकी। लिहाजा मृत महिला को उसके परिजनों ने कंधे पर ही टांग कर दस किलोमीटर दूर अस्पताल तक पहुचाया।

बतौली थाना से लगभग १० किलोमीटर दूर स्थित सेदम गांव के शंकरघाट पटेरपानी निवासी ४० वर्षीया सुखवारो बाई जाती मझवार के पति बुधराम की मौत दो वर्ष पहले ही हो जाने के बाद वह अपने घर में अकेली रहती थी उसके तीन बेटे विशाल, करन व नकुल अपनी बुआ के यहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। मंगलवार की सुबह गांव की महिला सावित्री मृतिका के घर धान लेकर ढेंकी में कुटाई करने पहुंची और जैसे ही घर में कदम रखा सुखवारो की लहुलुहान लाश पड़ी हुई थी। स्थिति देख सावित्री घबराई और उसने तुरंत ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलने के बाद बतौली थानेदार जयसिंह मरावी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने मौके पर पंचनामा कर सुखवारों के शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर शांतिपारा पहुंचने के लिए परिजनों को कह दिया। लेकिन परिजन शव वाहन की व्यवस्था नहीं कर सके और महिला के शव को कंधे पर लेकर पहाड़ से सड़क तक तो आ गए पर पुलिस ने वाहन की कोई व्यवस्था नहीं की परिणाम स्वरुप पैदल ही लगभग १० किलोमीटर शव लेकर शांतिपारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक आना पड़ा और दोपहर के बाद मृतका के शव का पोस्टमार्टम हो सका।

पुलिस मामले की जांच में जुटी है लेकिन हत्या का कोई सुराग अब तक नहीं मिल सका है। पुलिस ने मामले में  अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। गौरतलब है की सरगुजा जैसे क्षेत्र में विकाश और प्रगति के बड़े बड़े दावे ऐसी असंवेदनशील घटनाओं के बाद खोखली साबित होती है। जहां एक ओर डिजिटल इडिया की बात की जाती है और दूसरी ओर एक परिवार को पोस्टमार्टम के लिए दस किलोमीटर शव को कंधे पर रख कर ले जाना पड़ रहा है। लिहाजा विकाश के दावों का अंदाज लगाया जा सकता है।