शैक्षणिक सत्र का आधा समय बीता लेकिन स्कूलों में कोर्स नही हुआ पूरा.. विडंबना

पढ़ाई पिछड़ी कोचिंग कलास में भीड़
जषपुर नगर

स्कूलों में शैक्षणिक सत्र का आधा से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन कोर्स आधा भी नहीं हुआ है। स्कूलों में आधा अधूरी पढ़ाई के बीच अब अर्धवषिक परीक्षा का दौर षुरू हो गया है। कुछ स्कूलों में परीक्षाएं षुरू हो गई है तो ज्यादातर स्कूलों में यह परीक्षा षीतकालीन छुटी के बाद षुरू होने वाली है।

परीक्षा सिर पर होने से ज्यादातर छात्र छात्राएं बाजार में उपलब्ध गाइड व कुंजी के भरोसे ही परीक्षा की वैतीणी पार होने की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। इस प्रवृप्ति के चलते बाजार में इन पुस्तकों की मांग एकाएक बढ़ गई हैं।षैक्षणिक यत्र की षुरूआत से लेकर आज तक स्कूलों में षिक्षक की कमी बनी हुई हैै। जिसके कारण पढ़ाई बुरी तरह प्रभवित हो रही है। इतना ही नहीं सरल भर आधे अधूरे स्टाफ के साथ षैक्षणिक कार्यो के बीच अन्य गातिविधियां भी संचालित होती रही।

 

छात्रों ने बतया कि हालांकि त्यौहार के बीच कुछ दिनों के लिए कक्षाएं लगी थी लेकिन षिक्षकों की कमी या उनके नहीं आने के कारण पढ़ाई न के बराबर हो पाई। किसी न किसी कारणों से स्कूलों में साल भर पढ़ाई नहीं होती है। इसका खमियांजा छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ता है। छात्रों ने बताया कि पढ़ाई हो या न हो परीक्षा देनी ही पड़ती है। इसके लिए टयूषन कोचिंग का सहारा लेनी ही पड़ता है। इसके बिना परीक्षा पास नही की जा सकती घर की आर्थिक स्थिति और बजट देखकर विधार्थी अपने हिसाब से साधनों का चयन करता हैं। छात्राओं के अनुसर जीवविज्ञान में 27 अध्याय है जिसमें से 16 ही पढ़ाया गया है। जबकि 11 अध्याय पूरी हुआ है। वही भौतिक में 21 अध्याय 15 अध्याय पूरी बचा है। अधिक मेहनत की आवष्सकता और छात्रों द्वारा कठिन माने जाने वाले विषयों की यह स्थिति छात्रों के भविष्य के लिए चिंता का विषय हो सकता है। यही स्थिति हिन्दी और अंग्रेजी जैसे विषयों की भी बताई जा रही है। यहा केवल रसायन विषय की पढ़ाई की गति समय के र अनुसार हो पाई है। जिसमें 15 मे सें 14 पाठ पढ़ाई गए हैं। नगर के अन्य हायर सेकंडरी स्कूल षासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विधालय का हाल भी एक जैसा ही हैं।

भविष्य को लेकर छात्र छात्रा चिंतित
स्कूल में पढ़ाई नही होने से परेषान छात्र अब परीक्षा की वैतरणी पार करने के लिए हाथ पैर मारना षुरू कर दिया है उन्हे अपनी भविष्य की चिंता भी खाए जा रही है। परीक्षा सिर पर होने से आधिकांष छात्र छात्राएं इस आखिरी उम्मीद के रूप् में बाजार में उपलब्ध गाइड व कुंजी के भरोसे ही परीक्षा की वैतरणी पार होने की उम्मीद लगाएं बैठे हैं। इस प्रवृति के चलते बाजार में इन पुस्तकों की मांग एकाएक बढ़ गई है। नगर के न्यू बुक डिपो के संचालक सत्यम पाडेय ने बताया कि स्कूल की छुटी होते ही छात्रों की भीड़ आ जाती है और जरूरत के अनुसार परीक्षाबोध अजयमाला परीक्षासार और पुस्तके खरीद रहे है। इस वर्ष 10 से 15 प्रतिषत की विद्वि हुई है। अब आजयमाला 45 से 120 के दामों पर खरीदी बेची जा रही है। इस साल पश्र बैक नही आया है ज्यादा मांग परीक्षा बोध की है।

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स्कूल जाना बंदकर जा रहे ट्यूसन.. 
वर्षिक परीक्षा नजदीक आते ही छात्राएं स्कूल जाना बंदकर ट्यूषन पर ही भरोसा कर रहे है। खासकर इसमें बोर्ड परीक्षा के विधार्थी षामिल है। 10 वी 12 वी की टाइम टेबल घोषित होने के बाद से छात्रों की टेषन बढ़ गई है। 12 वी के छात्र विनायक रवानी ने बताया कि तीन विषय रसायन भौतिक गणित का ट्यूषन कर रहा है। स्कूल में कभी कभार चला जाता है लेकिन ट्यूषन सुबह षाम जाता है। उसी तरह 10 वी छात्र षेफ खान व छात्रा प्ररेणा पाडेय ने बाताया किा परीक्षा के लिए अब मात्र दो माह का समय बचा है। स्कूल में पढाई आधा अधूरा होने के कारण अब गणित अंग्रेजी का ट्यूषन सुबह षाम करती हैं।