बिजली कटने से परेशान शहरवासी..4 कर्मियों के भरोसे रात की विद्दुत व्यवस्था..

चार कर्मियों के भरोसे रात्रि विद्युत व्यवस्था,

विद्युत विभाग के लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे नगरवासी

अम्बिकापुर

विद्युत विभाग के औधेदार कर्मचारियों के अनदेखी व लापरवाही की वजह से नगरवासियों को सुलभ विद्युत व्यवस्था नहीं मिल पा रही हैं। यदि किसी कारण वश रात्रि में विद्युत सप्लाई बंद हो जाती है तो उस मोहल्ले के वासियों को रात भर बिजली आफिस के चक्कर लगाने पड़ते है। तब जाकर सुबह-सुबह विद्युत संचार हो पाती है। इसका मुख्य कारण वहां विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि उनके पास रात्रि विद्युत व्यवस्था के लिए पर्याप्त कर्मी नही है। पूरे शहर के विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त रखने सिर्फ चार कर्मचारी विभाग द्वारा नियुक्त किये गये है। कर्मचारियों ने बताया कि कर्मचारियों की मांग उनके द्वारा किया जाता रहा है। पर अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। जिससे रात्रि में किसी प्रकार की विद्युत अवरूद्ध होने पर हम कर्मचारियों के अभाव में नगरवासियों को त्वरित सुलभ सेवा नहीं दे पाते रात्रि में विद्युत सुधार कराने गये मोहल्ले वासियों को जब इस समस्या का पता चला तो उनके द्वारा विद्युत कार्यालय में षिकायत लिखने बैठे कर्मी से अपने सामने संबंधित अधिकारी को फोन लगाने को बोले तो उसके द्वारा अधिकारी को फोन लगाकर बताया गया कि आज बहुत ज्यादा शिकायत आया है सर और नगरवासी कार्यालय में आकर नाराज हो तुरंत विद्युत व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रहे है। और अपने पास चार ही कर्मचारी है। कैसे करे संबंधित अधिकारी द्वारा जवाब दिया गया बन जाने का आश्वासन दे दो या ज्यादा खराबी बताकर सुबह तक बनेगा बता दो इससे ज्यादा अभी कुछ नहीं हो सकता। गौर करने वाली बात है कि अधिकारियों को नगरवासियों के समस्या से कोई सरोकार नहीं है वे बस सुबह से शाम तक कार्यालय में बैठ अपनी ड्यूटी बजा अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते है। और घर चले जाते है। इधर नगरवासी भारी भरकम बील अदा करने के बावजूद प्रतिदिन बिजली की आंख मिचैली से परेशान है।

विद्युत ठेकेदारों पर लगाम नहीं

जैसा कि बीते कुछ वर्षो से विद्युत विभाग द्वारा विद्युत बिल संबंधित कार्य एवं अन्य कार्यो को ठेके में दे दिया गया है। ठेकेदार केवल बील वसूली ही कर रहा बाकि के काम विभाग में पदस्थ चार कर्मचारी ही करते है। सूत्रों की माने तो यदि कर्मचारियों द्वारा ठेकेदारों के कर्मचारियों की भी रात्रि में ड्यूटी लगाने की मांग की जाती है। तो कमीशन के बोझ तले दबे अधिकारी उल्टे अपनी ही कर्मचारियों को कार्य करने की सलाह देते है। परंतु अधिकारी उक्त ठेकेदार को रात्रि में ड्यूटी देने के लिए उनके कर्मियों को नहीं बोलते, जिससे आये दिन कर्मचारियों के अभाववश नगर की विद्युत व्यवस्था बदहाल रहती है। वहीं ऐसा न हो कि बीते वर्षो में घटित घटनाओं की पुर्नावृति फिर देखने को मिल जाये और नगरवासियों के कोप का भाजन एक बार फिर विभाग के कर्मचारियों को झेलना पड़ जाये।