नहीं थम रहा अस्पतालों में इंसानी जान से खिलवाड़ का सिलसिला

हालीक्रास अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप बताने का मामला

अम्बिकापुर

इस अस्पताल की लापरवाहियो से मौत के मुह में जा सकते है मरीज..यहाँ खून की जांच कर बताया जाता गलत ब्लड ग्रुप..संभाग के सबसे बड़े अस्पताल के रूप के पहचाना जाने वाला अम्बिकापुर का हालीक्रास मिशन अस्पताल जहां एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे..यहाँ इलाज के लिए मरीज से एबी निगेटिव ब्लड मंगाया गया जबकी उसका ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव था समय रहते अगर ब्लड चड़ने से बड़े अनहोनी हो सकती थी।

अम्बिकापुर के हालीक्रास मिशन अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान कहा गया की एबी निगेटिव ब्लड की आवश्यकता है जिस पर मरीज के परिजनों ने हेल्पिग हैण्डस ब्लड समूह से संपर्क किया और इस समूह ने एक युवक को अस्पताल भेज एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप दिलवाया गया..लेकिन सुबह जब मरीज को ब्लड चढ़ाना था तब अस्पताल के ही किसी स्टाफ ने एक बार फिर ब्लड ग्रुप चेक करने को कहा गया दोबारा जांच में पता चला की मरीज का खून एबी निगेटिव नहीं बल्कि ओ निगेटिव है।

वही अस्पताल की इस बड़ी लापरवाही के बाद हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप के लोग भी अस्पताल पहुच गए और परिजनों ने हंगामा मचाते हुए अस्पताल प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है की अस्पताल की लापरवाही से अगर मरीज को गलत गुरप का ब्लड चढ़ा दिया जाता तो उसकी मौत भी हो सकती थी ऐसे में जब इतने बड़े अस्पताल में ही ऐसी गलतिया होंगी तो मरीज की जान की रक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

बहरहाल अस्पताल प्रबंधन ने सॉरी बोलकर अपनी जिमीदारियो से पल्ला झाड लिया है और ये सारी बाते तब संभव है जब मरीज ज़िंदा है अगर यह ब्लड मरीज कोप चढ़ा दिया जाता और उसकी मौत हो जाती तब क्या होता तब क्या सॉरी कहने से मरा हुआ इन्सान ज़िंदा हो जाता.. खैर जिले की स्वास्थ व्यवस्था में यह कोई नया कारनामा नहीं है कभी यहाँ मरीज की किडनी निकला ली जाती तो कभी पैसे ना होने पर शव को ही जब्त कर लिया जाता है तो कभी ब्लड का ग्रुप ही कुछ और बता दिया जाता है।

इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकारते हुए सॉरी कह रहा है अस्पताल प्रबंधन का कहना है की गलतिया हुई है सभी स्टाफ को समझाईस दी गई है अगर दोबारा गलती होगी तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी