ठेकेदार की मन मर्जी से.. प्रशासन को कोई मतलब नहीं.. राहगीरों की परेशानी चरम पर

दतिमा मोड़ आयुष जायसवाल– बिश्रामपुर से दतिमा के बीच सड़क विकास निगम की स्वीकृति से ठेकेदार द्वारा करोड़ों की लागत से 10 किलोमीटर टू लेन सड़क निर्माण कराया जा रहा है , जिसमें बिश्रामपुर बस स्टैंड से आईटीआई कॉलोनी तक 2 किलोमीटर काक्रीट सड़क व आइटीआइ कॉलोनी से लेकर दतिमा चौक तक 8 किलोमीटर डामरीकरण रोड का निर्माण कराया जाना है चुकि लगभग 30 करोड़ की है संभाग के 1 बड़े ठेकेदार द्वारा कार्य कराया जा रहा है ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे कछुआ की चाल से निर्माण से राहगीरों की जान की आफत बन चुकी है कोई भी सक्षम अधिकारी और ठेकेदार ना ही उसके कर्मचारी कुछ सुनने को तैयार है आलम यह है कि लगभग 5 माह पूर्व से निर्माण हो रहा है लेकिन आज तक राहगीरों को बस परेशानी का सामने ही करना पड़ रहा है आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं साथ ही धूल के अंबार से लोगों का गुजारना मुश्किल हो गया है सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है जिसमें बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों से लेकर जिले के आला अधिकारी आए दिन गुजरते हैं लेकिन कोई भी अपनी जिम्मेदार लेना नहीं चाहता, सारी परेशानी जैसे आम जनता कोही झेलनी लिखी है लोक प्रशासन शासन के इस रवैया से काफी दुखित है
धूल से सन गया पूरा क्षेत्र
सबसे बड़ी बात यह है कि इस टू लेन सड़क में गुजरने वाले राहगीरों को खासकर दो पहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है अगर एक भी बड़ी गाड़ी आगे से गुजर जाती है तो लगभग 5 मिनट तक सामने कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है जिससे दुपहिया वाहन चालक आए दिन दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं साथ ही  दतिमा से लेकर राम नगर चौक तक सुबह से लेकर रात तक धूल का अंबार ही नजर आता है जिसमें आज तक ना तो जिले के आला अधिकारी और ना ही संबंधित विभाग ग्रामीणों के हजार शिकायतों के बावजूद कोई भी कार्यवाही करती दिखी है जो सक्षम अधिकारियों के पद पर एक बहुत बड़ा सवाल है
1फिट जम गया है मिटटी का डस्ट फिसल कर गिर रहे 2 पहिया वाहन चालक
सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमर्जी वह मनमानी के चलते आम नागरिक बहुत ज्यादा ही परेशान हो चुके हैं साथी जिले के बड़े अधिकारी भी दिलासा देते ही रह गए आज आलम यह है कि 5 माह पूर्व से बन रहे सड़क में खोदकर मिट्टी पैकिंग कर दिया गया है जिस में पानी छिड़काव नहीं होने के कारण मिट्टी का डस्ट लगभग एक से डेढ़ फीट जगह जगह जम गया है जिसमें आए दिन लोग गिरकर फिसल रहे हैं साथ ही दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं जिसमें ना तो ठेकेदार और ना ही जिले के आला अधिकारी कुछ करना जरूरी समझते हैं
कछुए चाल से चल रही है निर्माण कार्य
दतिमा से विश्रामपुर टू लेन सड़क निर्माण कछुए की चाल से चल रही है चुकी है मुख्य मार्ग है जो आमजन को मुख्यालय से जोड़ता है जिसमें क्षेत्र के गृह मंत्री विधायक और बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि का इसी मार्क से आना जाना है लेकिन इन बड़े लोगों को दुपहिया वाहन में चल रहे हैं लोगों की परेशानी नहीं दिख रही है जो समझ से परे है साथ ही अधिकारियों का भी मौन रहना बहुत से सवाल खड़े करता है, आज 5 महीने बीत जाने पर्यंत भी आज तक 20% भी काम पूरी नहीं हुई है चुकी ठेकेदार द्वारा गड्ढा खोद दिया गया है और उसमें मिट्टी का पैचिंग कर दिया गया है,  छह माह बाद बरसात आने वाला है अगर सही समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया तो आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी यह हाल है तो बरसात के मौसम में इस सड़क का क्या हाल होगा लेकिन इन सब फिक्र से दूर ठेकेदार वह सूरजपुर जिला प्रशासन अपनी ही मनमर्जी मैं व्यस्त है
अम्बिकापुर-प्रतापपुर सड़क के रिजक्टेड मटेरियल का यहा प्रयोग
निर्माण कार्य मैं लापरवाही के अलावा पूरी तरह से घटिया व रिजेक्टेड मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है चुकी अंबिकापुर प्रतापपुर सड़क निर्माण भी सड़क विकास निगम की स्वीकृति से कराया जा रहा है आधार द्वारा वहां अमानक स्तर के घटिया गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा था विरोध होने पर  उस मटेरियल का उपयोग रोक दिया गया था चुकी यहां भी निर्माण कार्य चल रहा है तो वहां के घटिया मटेरियल को पूर्ण रुप से यहां उपयोग में लाया जा रहा है लेकिन जानकारी के बाद भी ना तो आला अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधि की ओर से कोई कार्यवाही नजर होती दिख रही है
भारी वाहनों के चलने से कभी भी घट सकती है बड़ी दुर्घटना
 भारी वाहनों के चलने से दोपहिया वाहन में चलने वाले आम लोगों को धूल के कारण सामने कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है साथ ही मिट्टी का मलबा जमा होने के कारण दो पहिया वाहन के चक्का फिसल जाने के कारण आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं
वैकल्पिक मार्ग भी व्यस्त चुकी विश्रामपुर दतिमा मार्ग धूल और डस्ट से सराबोर हो चुका है इसलिए आमजन खुद अपने लिए वैकल्पिक मार्ग घूम लिए हैं जो कुंदा गागीकोट होते हुए बिश्रामपुर जाती है लेकिन वैकल्पिक मार्ग में भी आवागमन की आबादी बढ़ जाने से  धूल डस्ट गड्ढों से सराबोर हो चुका है
स्कुली बच्चे साथ ही सड़क किनारे मकान वासी परेशान
धूल का सबसे खतरनाक असर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है शुकर दति मां चौक मैं लगभग तीन से चार छोटे-बड़े स्कूल है जहां kg से लेकर 12वीं तक के बच्चे अध्यापन अर्थ है व सड़क किनारे बसे मकान व व्यपारी भी त्रस्त है धूल और दस्त के कारण छोटे-छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन को इन सब से कोई मतलब नहीं है जो समझ से परे है
 राजेश मुणत मंत्री pwd छग शासन
अधिकतर जगह पे सड़क निर्माण हो रही है, अगर वहां ठेकेदार द्वारा अमानक स्तर का कार्य कराया जा रहा है तो तत्काल जांच कर उचित कार्यवाही करायी जायेगी