छोटे उद्योगों में ज्यादा रोजगार की गुंजाइश: डॉ. रमन सिंह

रायपुर 

  • मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय औद्योगिक विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर के कबीर नगर स्थित सेन्ट्रल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालाजी परिसर में दो दिवसीय दूसरी राष्ट्रीय वेंडर (विक्रेता) विकास कार्यक्रम और औद्योगिक विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग(एम.एस.एम.ई.) मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग विभाग के सहयोग से किया गया है।
मुख्य अतिथि की आसंदी से शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि ये सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योग पूंजी निवेश की दृष्टि से छोटे जरूर हैं, लेकिन बड़े और कम्प्यूटरीकृत उद्योगों की तुलना में इन छोटे उद्योगों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को रोजगार मिलने की गंुजाइश होती है। इसे ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास कर रही है। समय-समय पर हमारी उद्योग नीतियों में भी इसके लिए कई आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। हमारी उद्योग नीति 2009-14 के दौरान राज्य में पांच हजार से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना की गयी, जिनमें तीन हजार 673 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ और 52 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने बताया कि इस समय छत्तीसगढ़ में 18 हजार से पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम औद्योगिक इकाईयां है, जिनसे लगभग दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार के एक अनुमान के अनुसार एम.एस.एम.ई उद्योगों द्वारा उत्पादित 358 चीजों का उपयोग सार्वजनिक और बड़े उद्योगों मंे किया जा सकता है। 2551%20(2)साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि इन उद्योगों को अपने जरूरत की कम से कम 20 प्रतिशत खरीदी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि सिर्फ सरकारी अनुदान से कोई उद्योग नहीं चल सकता, उद्योगों को अपने उत्पादनों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा, तभी वे व्यापार-व्यवसाय में सफल हो सकेंगे। समारोह में राज्य सरकार के प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री अमन कुमार सिंह, केन्द्र सरकार के रायपुर (भनपुरी) स्थित सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमी विकास संस्था (एम.एस.एम.ई) के निदेशक श्री ए.आर.गोखे , छत्तीसगढ़ लघु एवं मध्यम उद्योग सहायक संघ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष श्री हरीश केडिया और उरला उद्योग संघ रायपुर के अध्यक्ष श्री एस.के.जैन सहित विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में स्थापित छोटी औद्योगिक इकाईयां यदि सार्वजनिक उपक्रमों में आपूर्ति कर सकें तो छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों से इस दिशा में ध्यान देने की अपील की। डॉ. सिंह ने आज के इस औद्योगिक शिविर में एक ही छत की नीचे लघु और बड़े उद्योगों के बीच सीधे सम्पर्क और उनकी शंकाओं के निराकरण के पहल की सराहना की। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के औद्योगिक विकास के लिए ‘मेक इन इण्डिया’ का जो नारा दिया है, उसे सार्थक बनाने के लिए हर स्तर पर ऐसे प्रयास करने की जरूरत है जिससे स्थानीय स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बेहतर औद्योगिक नीति से नये उद्यमि आकर्षित हो रहे हैं। राज्य सरकार के साथ-साथ बैकर्स के सहयोग और मार्गदर्शन की भी जरूरत है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। प्रदर्शनी में करीब डेढ़ सौ मण्डपों के माध्यम से निजी और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है।
प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह ने इस अवसर पर उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लघु उद्योगों का सकल घरेलू उत्पाद में आठ प्रतिशत योगदान है। कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार लघु उद्योग ही प्रदान करते हैं। श्री सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में मिले सुझाव पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी और उनका पालन करने का प्रयास किया जाएगा। केन्द्र सरकार के रायपुर (भनपुरी) स्थित सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमी विकास संस्था (एम.एस.एम.ई) के निदेशक श्री ए.आर.गोखे ने कार्यक्रम में बताया कि केन्द्र ने 25 लाख रूपए तक की निवेश सीमा वाले उद्योगों को सूक्ष्म, 25 लाख से पांच करोड़ रूपए तक के निवेश सीमा वाले उद्योगों को लघु और पांच करोड़ रूपए से दस करोड़ रूपए तक की निवेश सीमा वाले उद्योगों श्रेणियों को मध्यम श्रेणी का उद्योग माना जाता है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, वृहद उद्योगों को एक सार्वजनिक मंच उपलब्ध कराने के साथ-साथ क्रेता-विक्रता उपभोक्ता तथा निर्माताओं के मध्यम नेटवर्क का अवसर उपलब्ध कराने के लिए यह आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ लघु एवं मध्यम उद्योग सहायक संघ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष श्री हरीश केडिया और उरला उद्योग संघ रायपुर के अध्यक्ष श्री एस.के.जैन भी सम्बोधित किया। सेन्ट्रल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालाजी के श्री प्रवीण चन्द्राकर ने स्वागत भाषण दिया।