छत्तीसगढ़ में गौण खनिजो की चोरी में जांजगीर चांपा जिला सबसे अव्वल

अधिकारीयो ने मिली भगत से होती अवैध उत्खनन व परिवहन

जांजगीर चांपा संजय यादव – छत्तीसगढ़ में गौण खनिजों की चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2015-16 की बात की जाय तो अवैध उत्खनन के 352 व अवैध परिवहन के 3272 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि यहां संख्या 2017-18 में और बढ़ गये हैं । जांजगीर-चांपा जिला पूरे प्रदेश में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन व परिवहन के मामले में पहले नंबर पर है। जांजगीर-चांपा जिले में दिसंबर 2015 तक सबसे अधिक अवैध उत्खनन के 52 व अवैध परिवहन के 466 प्रकरण सामने आए हैं। खनिज विभाग के आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रदेश में खनिज और रायल्टी चोरी की जांच के लिए संचालनालय स्तर पर उड़नदस्ता बनाया गया है। इसके अलावा राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स का गठन भी किया गया है। खनिजों के अवैध उत्खनन व परिवहन की रोकथाम के लिए प्रदेश के खनिज परिवहन के प्रमुख मार्गों पर खनिज जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। कुछ जिलों में तौल कांटे स्थापित किए गए हैं। गौण खनिजों में मुख्य रूप से रेत, बजरी पत्थर, मिट्टी, मुरम, चूना पत्थर निम्न श्रेणी, ग्रेनाइट व मार्बल आते हैं। ग्रेनाइट व मार्बल को छोड़कर अन्य गौण खनिज प्रदेश के अधिकांश जिलों में पाए जाते हैं। बताया गया है कि सबसे अधिक रेत व मुरुम के अवैध उत्खनन के मामले में सामने आ रहे हैं। महानदी सहित कई नदी-नालों में रेत की सैकड़ों खदानें चल रही हैं। हालांकि रेत खदानों के संचालन का जिम्मा त्रिस्तरीय पंचायतों को दिया गया है, लेकिन रेत खदानों में रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। वर्ष 2014-15 में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन के 473 व अवैध परिवहन के 4173 प्रकरण दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2015-16 में दिसंबर तक अवैध उत्खनन के 352 व अवैध परिवहन के तीन हजार 272 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। वही 2017-18 में इसकी संख्या़ और बढ़ गई हैं पर इस ओर न अधिकारीयों का ध्यान है और न ही यहां किसी प्रकार की खदानों में मानिटरिंग होती हैं ।