गांव को शराब मुक्त करने लामबंद हुई महिलाएं

अम्बिकापुर
कलेक्टर से की फरियाद, कहा शराब बनाने काट रहे जंगल

नगर से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर लगे ग्राम रजपुरी खुर्द में महुआ शराब की बिक्री किये जाने से गांव के युवा पीढ़ी पर बुरा असर देखते हुये गांव की महिलाएं अब लामबंद हो चुकी है। गांव को शराब मुक्त कर एक आर्दश ग्राम के रूप पहचान दिलाने की मंशा को लेकर आज गांव की काफी संख्या में महिलाएं कलेक्टोरेट पहुंची। ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि गांव में 70 प्रतिशत लोगों द्वारा घर में महुआ शराब बनाने व बिक्री करने का काम लम्बे समय से किया जा रहा है।

यहीं नहीं शराब बनाने के लिए भकुरा बीट के जंगल का सफाया भी जोरों पर किया जा रहा है। गांव में शराब खोरी बढ़ जाने से युवा पीढ़ी पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। हमारे घर के नाबालिग बच्चे भी नशे का शिकार हो रहे है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से गांव में शराब बंद कराने व जंगल की अवैध कटाई पर रोक लगाने की मांग की है। रजपुरी खुर्द गांव कोतवाली क्षेत्र में आता है। ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि हमारा सपना है कि हमारा गांव एक आर्दश गांव बने। इसके लिए गांव में भारी मात्रा में अवैध रूप से शराब बनाने व बेचने का काम चल रहा है जो गांव को आर्दश बनाने में सबसे बड़ी बाधा है। ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव में एक बार भी पुलिस इस अवैध धंधे को बंद कराने नहीं पहुंची है। जिससे उनके हौसले बुलंद हो गये है। वहीं दूसरी तरफ जंगल की अवैध कटाई को भी रोकने वाला कोई नहीं है। गांव से कलेक्टेªट पहुंची महिला दशमेत, सोमारी, फुलबसिया, फुलबाई, ननिहारों, उलैची, निर्मल सहित काफी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने गांव में शराब रोकने के लिए छापामारी कार्यवाही व जंगल से कटने से बचाने की कार्यवाही किये जाने की मांग की है।