कोतवाली को चालान प्रस्तुत करने के लिए हाई कोर्ट ने दिया आदेश, मामला वाहन के फर्जी रजिस्ट्रेशन का..!

स्कार्पियो चोरी होने के बाद अम्बिकापुर आरटीओ ने किया था वाहन का रजिस्टेशन

रजिस्टेषन में प्रस्तुत किये गये थे फर्जी दस्तावेज

वाहन खरीदने से पहले उसको किराया पर लगा कर छग विपणन सहकारी समिति रायपुर से वसूली गयी थी किराये की राषि

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर परिवहन कार्यालय के द्वारा वाहन चोरी होने के बाद उक्त वाहन के रजिस्ट्रेशन किये जाने की शिकायत के बाद भी मामले मो कोई कार्यवाही ना होने के बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है, अम्बिकापुर कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत के बाद भी पुलिस द्वरा गिरफ्तारी व अन्य कार्यवाही ना किये जाने के बाद हाई कोर्ट ने अंबिकापुर कोतवाली को उक्त मामले में अंतिम प्रतिवेदन/चालान प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

उक्त मामले की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त कर डी.के.सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा पुलिस थाना अम्बिकापुर में षिकायत किया गया था जिसमें जांच के उपरांत सिटी कोतवाली अम्बिकापुर में अपराध क्रमांक 468/2015 अन्तर्गत धारा 420, 34 भा0द0वि0 शोभा गुप्ता व अन्य के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था, जिसमें थाना प्रभारी अम्बिकापुर द्वारा एक वर्ष की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी उक्त अपराध में संलग्न शोभा गुप्ता, श्री कंवर पूर्व आरटीओ अम्बिकापुर, पूर्व गृहमंत्री के निच सचिव विनोद गुप्ता तथा अन्य के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं करने तथा उनकी गिरफतारी नहीं करने एवं उनके विरूद्ध न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन चालान प्रस्तुत नहीं करने के कारण डी.के.सोनी अधिवक्ता द्वारा वरिष्ठ अधिकारीयो के समक्ष षिकायत की गयी थी लेकिन वरिष्ठ अधिकारीयो द्वारा भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही उक्त अपराध के संबंध में नहीं किया गया जिसके कारण डी.के.सोनी अधिवक्ता द्वारा बिलासपुर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री जयंत राव के माध्यम से डबलूपीसीआर नम्बर 249/2016 डी.के.सोनी प्रति छ.ग.षासन प्रस्तुत किया गया जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीष श्री गौतम भादुरी द्वारा दिनांक 23/11/2016 को आदेष पारित करते हुये सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतो का हवाला देते हुये आदेष दिया गया कि उक्त आपराधिक प्रकरण में तत्काल विवेचना कर अंतिम प्रतिवेदन/चालान प्रस्तुत करे।

क्या है पूरा मामला

दरअसल चोरी की गाड़ी का फर्जी दस्तावेजों के सहारे अंबिकापुर के आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराने औऱ फिर चोरी की गाड़ी को शासकीय विभाग में किराए से चलाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने गाड़ी मालिक के समेत अन्य लोगों पर जुर्म दर्ज किया था, आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए दस्तावेजों से मामले का खुलासा हुआ औऱ इस मामले में गाड़ी मालिक के साथ अन्य लोगों पर धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज कर लिया गया था लेकिन इस मामले में अब तक कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकी थी। 29 जनवरी 2008 को अंबिकापुर आरटीओ ने एक काले कलर की स्कार्पियो का रजिस्ट्रेशन किया। गाड़ी शोभा गुप्ता नाम की महिला के नाम से थी, लेकिन हैरान करने वाली बात ये थी कि जिस गा़डी का रजिस्ट्रेशन किया गया वही गाड़ी नौ दिन पहले रायपुर से चोरी चली गयी थी, आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी द्वारा निकाले गए दस्तावेज इस बात की पुष्टी करते हैं, 20 जनवरी को जब गाड़ी खरीदी गयी तो सेल सर्टिफिकेट में गाड़ी का जो चेसिस और इंजन नंबर था वहीं चेसिस और इंजन नंबर अंबिकापुर में रजिस्टर्ड की गयी गाड़ी था, जबकि गाड़ी चोरी की रिपोर्ट 20 जनवरी को ही रायपुर के कोतवाली थाने में करा दी गयी थी,

मामला साफ था कि गडबड़ी बड़ी है और आरटीआई से निकले दस्तावेज ये बता रहे थे कि जानबूझकर एसे काम को अंजाम दिया गया है, लिहाजा मामले की शिकायत पुलिस में की गयी और शिकायत के छः महीने बाद पुलिस ने गाड़ी मालिक शोभा गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया था, पुलिस ने इस मामले मे जुर्म दर्ज करने के साथ ही ये भी कहा है कि आरटीओ की भी भूमिका संदिग्ध है और आगे जांच में सभी लोगों का बयान लिया जाएगा लेकिन पुलिस ना तो इस मामले में किसी की गिरफ्तारी कर सकी है और जांच भी ठन्डे बस्ते में ही पडी थी लेकिन हाई कोर्ट ने चालान पेश करने का आदेश देकर आरोपियों और पुलिस दोनों की ही मुश्किलें बढ़ा दी है।