अस्पताल में मौज कर रहे है फील्ड कर्मी… संचनालय के आदेश को भी ठेंगा…

अम्बिकापुर  यूं तो आपने स्वास्थ विभाग के गड़बड़झाले के कई किस्से सुने होंगे , लेकिन हम आपको एक ऐसा मामला बताने जा रहे है जिसे सुनकर आप यह अंदाजा लगा सकते है की इस विभाग में सेटिंग का खेल कितने ऊपर तक चल रहा है। एक मामले की  शिकायत होती है और शिकायत की जांच के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा आदेशित किया जाता है। लेकिन अधिकारियों की नाफरमानी करते हुए 3 माहीने बीत जाने के बाद भी कार्यवाही तो दूर जांच तक नही हुई।
दरअसल हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के प्रतापपुर की जहाँ स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ तीन रसूखदार अपने पद के विपरीत काम कर रहे है। इन तीनो की पदस्थापना फील्ड के काम के लिए हुई थी लेकिन लेकिन ये कर्मचारी अस्पताल में जमे बैठे है। कारण लाभ के पदों पर बैठ पैसा कमाना लिहाजा इसकी शिकायत स्वास्थ्य संचनालय रायपुर के की गई जिसके बाद संचनालय से सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य को मामले की जांच के लिए जून 2017 में एक पत्र भेजा गया था लेकिन मामले की जांच करना तो दूर साहब को तो ढंग से कुछ याद भी नही है। जब हमने पूरा आदेश ही पढ़ दिया तो मामले को टालते हुए कहा की सी एम एच को जांच के लीये दिया गया था। इधर जब सी एम एच ओ सूराजपुर से बात की गई तो उन्होंने अपनी नई पदस्थापना का रोना रोया और सोमवार को दिखवाने की बात कही है।
बहरहाल माना की सीएमएचओ नए आये है तो इससे पूर्व के सीएमओ क्या कर रहे थे। उन्होंने अब तक क्यो मामले की जांच नही की। खैर मामला इतना भी पेचीदा नही था की संचनालय को हस्ताक्षेप करना पड़ता लेकिन जब जिले के अधिकारी कार्यवाही करने को ही तैयार नही है तो ऐसे में संचनालय को जांच के लिए आदेश देना पड़ा। पर उस आदेश का भी कोई असर नही दिख रहा है। आदेश भी शायद डस्टबीन में पड़ा हुआ है तभी तो किसी को कुछ पता नही।
जी एस ठाकुर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य
इस संबंध में इन्होंने पहले तो अनभिज्ञता दिखाई काफी देर तक सोचते रहे उन्हें कुछ याद ही नही आ रहा था पर जब पूरा पत्र ही पढ़ कर सुना दिया गया तो खुद को बचाते हुए पूरा मामला सी एम एच ओ सूरजपुर पर डाल दिया कहा की जांच हेतु उन्हें पत्र भेज दिया गया था।
डॉ वैश्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर
साहब से जब पूछा गया आदेश के बारे में तो उन्होंने हमसे ही सवाल दाग दिया पूछने लगे कब दिया है आदेश ..? अरे साहब भला हमें कैसे पता होगा कब दिया गया है आदेश। बहरहाल इन्होंने अपने 15 दिन के नए कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा की मुंझे जानकारी नही है पर मैं सोमवार को इसे दिखवाता हूँ।