अब सस्ते दर पर मिलेंगी दवाईयां, शुरू हुआ जन औषधी केन्द्र..!

सोनहत से “राजन पाण्डेय” 

सोनहत विकासखंड के समस्त लोगों को अब सस्ते दर दवाईयां मिलेंगी यह बात अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोनहत ए के मरकाम ने जन औषधी केन्द्र शुभारंभ के दौरान कहा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनहत के प्रांगण में शनिवार को जन औषधी केन्द्र का शुभारंभ  जनपद उपाध्यक्ष राजकुमारी राजवाड़े एवं एस डी एम सोनहत ए के मरकाम और सोनहत सरपंच उदय राज सिंह के द्वारा किया गया

इस दौरान एस डी एम ए के मरकाम ने कहा की जन औषधी केन्द्र में सरकार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम किए गए है जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड दवाईयों के मुकाबले सस्ती होती है, जबकि प्रभावशाली उनके बराबर ही होती है। जन औषधि अभियान मूलतः  जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया हैं ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध हैं साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं। साथ ही यह जेनेरिक दवायें मार्केट में मौजूद हैं जिन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैं।इस योजना में आम नागरिकों को बाजार से 50 से 60 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मिलेंगी। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोनहत ने कहा की सोनहत विकासखंड में कई ग्रामीण अंचल एवं वनांचल ग्राम है जहां पर लोगों की आर्थिक स्थिती सही नही होने पर बिमारीयां भयावह हो जाती है ऐसे लोगों के लिए जन औषधी केन्द्र बहुत किफायती साबित होगा जन औषधी केन्द्र के शुभारंभ के दौरान बी एम ओ डा आर पी सिंह टी आई सोनहत ए एस खान ए एस आई शिव कुमार यादव बी पी एम पूनम लकड़ा अरविन्द ठाकुर, वार्ड पंच हफीज खान संतोश साहू पंकज दुबे जर्नादन गुप्ता एवं अन्य ग्राम जन उपस्थित थे।

अस्पताल का किया निरिक्षण 

जन औषधी केन्द्र के शुभारंभ के बाद एस डी एम सोनहत ए के मरकाम के द्वारा अस्पताल का निरिक्षण किया । निरिक्षण के दौरान साफ सफाई और शौचालयों के संबंध में विशेष रूप से निर्देश दिया गया हलाकी कुछ दिन पुर्व भी एस डी एम सोनहत ने खराब शौचालय के मरम्म्त एवं साफ सफाई के निर्देश दिये थे और निर्देश पर काम भी हुआ कई बंद शौचालय शुरू भी हो चुके है।

ग्रामीणों में हर्ष 

ग्रामीण जर्नादन गुप्ता पंकज दुबे बाबूलाल चैधरी एवं अन्य ने जन औषधी केन्द्र खुलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा की अब सस्ते दर पर दवाईयां मिलने से बहुत सुविधा होगी पहले मंहगी दवाओं से घर का बजट बिगड़ जाता था।

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