चिट फंड कंपनी का मैनेजर पेण्ड्रा से गिरफ्तार….. 60 लाख की हुई थी ठगी

कंपनी के संचालक व एक अन्य सहयोगी की पूर्व में हो चुकी है गिरफ्तारी

अम्बिकापुर

रूपये डबल करने का झांसा देकर नगर में संचालित टीसा एग्रो प्रोजेक्ट चिट फंड कंपनी द्वारा लोगों से लगभग 60 लाख रूपये की ठगी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने फरार कंपनी के मैनेजर को गोरेला पेण्ड्रा से गिरफ्तार कर लिया है। ठगी के इस मामले में पूर्व में कंपनी के डायरेक्टर शोभित दास व एक और मैनेजर तरूण डे को  पुलिस गिरफ्तार कर चुकी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय गुदरी गली कृष्णा काम्लेक्स में टीसा एग्रो चिटफंड कंपनी संचालित थी, जहां रायगढ़ जिला के चंद्रपुर का रहने वाला चंदुलाल केशरवानी आत्मज खगेश्वर उम्र 37 वर्ष जिसकी वर्ष 2012 में तरूण डे एवं राजकुमार साहू नाम के व्यक्ति से जान पहचान हुई। जिसके बाद वह कोलकाता की कंपनी टीसा एग्रो प्रोजेक्ट में जुड़ गया था। रायगढ़ कार्यालय में यह एजेंट के रूप में 6 महीने तक कार्य किया। वर्ष 2013 में कंपनी द्वारा  इसे अम्बिकापुर ब्रांच में भेज दिया गया और उसे पदोन्नति मार्केेटिंग मैनेजर बना दिया गया।  दो वर्षों में यह अम्बिकापुर नगर में 2 सौ से 3 सौ एजेंट बनाया और करीब सौ ग्राहक से 60 लाख लेकर वर्ष 2015 दिसम्बर माह में फरार हो गया। कंपनी के एजेंट व उपभोक्ता को जब इसकी सूचना मिली तो वे कोतवाली थाने में इसकी शिकायत किये। कोतवाली पुलिस द्वारा जनवरी 2016 में कंपनी के विरूद्ध अपराध दर्ज कर फरार आरोपी की तलाश की जा रही थी।

पुलिस द्वारा कंपनी के संचालक कोलकाता निवासी सोमित्र दास व एक सहयोगी  व एक सहयोगी तरूण डे को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस द्वारा फरार मार्केटिंग मैनेजर चंदुलाल केशरवानी की लगातार पतासाजी की जा रही थी। गत 8 अप्रैल को पुलिस को सूचना मिली कि  चंदुलाल गौरेला पेण्ड्रा में है। सरगुजा एसपी आरएस नायक के मार्गदर्शन में कोतवाली एसआई अब्दुल मुनाफ, आरक्षक आलोक गुप्ता गौरेला पहुंच चंदुलाल को चौधरी गली सब्जी मंडी से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार मैनेजर ने पुलिस को बताया कि उसे 15 से 20 हजार रूपये कमीशन मिलता था।