बदहाली में इंदिरा उद्यान.. वन विभाग अनजान

नगर वासीयों के लिए मनोरंजन का एक बेहतर विकल्प

जांजगीर चांपा (संजय यादव) अकलतरा के इंदिरा उद्यान को इको रिक्रियेशनल पार्क के रुप में विकसित करने का प्रस्ताव वर्ष 2004 में भेजा गया था ,मगर शासन ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 68 हेक्टेयर में फैले इस उद्यान को प्रस्ताव अनुसार विकसित किए जाने से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती बल्कि जिलेवासियों को मनोरंजन का एक बेहतर विकल्प भी मिलता। लेकिन वन विभाग के सुरक्षा के अभाव में यह पार्क खहडंर में तब्दील हो रहा है।

अकलतरा में स्थित इंदिरा उद्यान को वर्ष 2004 में इको रिक्रियेशनल पार्क के रुप में विकसित करने का प्रस्ताव तत्कालीन डीएफओ द्वारा शासन को भेजा गया था, जिसमें उद्यान व आसपास के क्षेत्र को हरा भरा वन क्षेत्र के रुप में विकसित हो सकेे, वन्य प्राणियों के पुनर्वास की व्यवस्था करने, बच्चों के लिए पार्क, स्थापित करने, मछली-पालन केन्द्र स्थापित कर मिनी जू के रुप में विकसित करने जैसे कृषि एवं वानिकी के कुटीर उद्योगों का प्रदर्शन कक्ष स्थापित करने की योजना थी। इसके अंतर्गत इंदिरा उद्यान का चरणबद्घ विकास होना था। इसके लिए एक करोड़ 34 लाख 45 हजार रुपए पांच सालों में स्वीकृत किए जाने की मांग की गई थी लेकिन शासन ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। वहीं वन विभाग की माने तो उनका अलग ही दलील है।