महाशिवरात्रि 13 या 14 की दुविधा को दूर करने पढ़े इस समाचार को..!

रायपुर इस वर्ष महा शिवरात्रि को लेकर असमंजस की स्थित बनी हुई है..लोग यह नहीं समझ पा रहे है की शिवरात्रि 13 फरवरी को मनाये या फिर 14 को लिहाजा हमने इस दुविधा के हल के लिए विख्यात ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से इस सम्बन्ध में जानकारी ली जिस पर उहोने बताया की इस वर्ष प्रदोष 13 को और महाशिवरात्री 14 को यानी की आपको व्रत 13 को करना है और शिवरात्रि 14 को मनानी है..

ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने इस सम्बन्ध में और भी बहोत सारी जानकारियाँ दी है.. उन्होंने बताया की महाशिवरात्रि इस बार किस तारीख को मनाई जाएगी, इसे लेकर लोगों में काफी असमंजस है। ऐसे में ज्योतिषियों ने इसका उपाय धर्म सिंधु और तिथि तत्व ग्रंथ से निकाला है। इसके मुताबिक अगर त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी हो तो पहले निशिथ काल में महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।

निशिथ काल रात 12 से 3 बजे तक के समय को कहा जाता है। इसी से तय किया गया है कि महाशिवरात्रि 13 तारीख को मनाई जाएगी। हालांकि 14 को भी पूरे दिन लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकेंगे पर 13 को पूजा करना श्रेष्ठ माना जा रहा है। बुधवार को दोपहर 1.21 से 3.34 तक पूजा करना भी श्रेष्ठ होगा। 13 की रात 10.34 के बाद चतुर्दशी तिथि लगेगी। अगले दिन यह रात 12.46 तक रहेगी। दरअसल, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाने का प्रावधान है। शास्त्रों के मुताबिक इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन शिवलिंग का प्रादुर्भाव हुआ था। इस बार चतुर्दशी तिथि 13 तारीख को रात 10.34 के बाद शुरू होगी। 14 तारीख को यह रात 12.46 तक रहेगी। दोनों ही दिन महाशिवरात्रि होने की वजह से लोगों में असमंजस है।

  • काले तिल को पीसकर पेस्ट बनाकर, सम्पूर्ण शरीर में लगाकर नहाये.
  • माथे पर भस्म धारण करे, त्रिपुंड लगाये, रुद्राक्ष धारण करे.

13 को मनाना ज्यादा फलदायी, 14 को भी होगी शिव आराधना
महाशिवरात्रि में अपनाएं ये उपाय
विवाह: युवक केसर युक्त दूध और युवतियां अनार के रस से शिव का अभिषेक करें।
कैरियर: सांप की पूजा के बाद शिव का अभिषेक करें। कमल का एक फूल चढ़ाएं।
परीक्षा: 21 बेल पत्र पर लाल चंदन लगाकर उसे अर्पित करें।
ऋण मुक्ति: शिवजी का काले अंगूर के रस से अभिषेक करें। कर्ज से मुक्ति के लिए यह उपाय अपना सकते हैं।
स्वास्थ्य: ऊं ह्रौं जूं स: मंत्र से शिवजी का कपूर युक्त जल से अभिषेक करें।

काल सर्प दोष से मिलेगा छुटकारा
जिस किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है, वे इस दिन कुछ उपायों को अपनाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए आपको ऊं सद्योजाताय नम:, ऊं वामदेवाय नम:, ऊं अघोराय नम:, ऊं ईशानाय नम:, ऊं तत्पुरुषाय नम: मंत्रों का जाप कर भगवान को सफेद चंदन, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाकर पूजा करें। शिवरात्रि से शुरू की गई यह क्रिया हर सोमवार को करनी होगी।

भद्रा पाताल की, नहीं पड़ेगा प्रभाव
इस महाशिवरात्रि भद्रा पड़ रही है। हालांकि यह भद्रा पाताल की है। यानी पृथ्वी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भद्रा 14 तारीख की रात 10.34 से 14 को सुबह 11.39 तक रहेगी। रात में अनुष्ठान करना सबसे बेहतर होगा।