मंत्री का “स्वागत” या प्रदेश से “बेदखली” की खुशी ………..भाजपा मे गहराया “मनभेद”

अम्बिकापुर

कांग्रेस के अंदर कलह का सिलसिला जोगी के हटने के बाद बहुत हद तक समाप्त माना जा सकता है,  लेकिन प्रदेश मे सत्ताधारी दल भाजपा के अंदर मनभेद की स्थिती शायद उफान पर है ।  पिछले  दिनो हुए राजनैतिक घटनाक्रम मे इसकी स्पष्ट तस्वीर देखने को मिली है। दरअसल ये कयास लगाए जा रहे है कि छग मे सत्ताधारी दल के एक कद्दावर नेता को उनके कद और जमीनी पकड के कारण केन्द्र ने राज्य सभा मे बुला लिया। लेकिन उसके ठीक बाद उनके कद को बौना करने के लिए उन्ही के दल के लोगो ने एक मंत्री का इस कदर स्वागत किया कि खुद उस मंत्री को कहना पडा कि मेरा इतना स्वागत तो मंत्री बनने के बाद नही हुआ था। गौरतलब है कि ये मंत्री चार महीने के इलाज के बाद संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर पंहुचे थे और स्वस्थ होकर लौटने पर उनके स्वागत मे सरगुजा भाजपा के कर्णवीरो ने लाखो रुपए फूंक दिए । इतना ही नही गृहमंत्री के स्वस्थ होने के बाद प्रथम आगमन पर अम्बिकापुर सर्किट हाउस मे एक भव्य भोज का आयोजन किया गया था। जिसमे उन नेताओ को भी आमंत्रित किया गया था जो या तो भाजपा की मुख्यधारा से अलग हो गए थे , या फिर वो राज्यसभा सांसद श्री नेताम के करीबी थे ।

कांग्रेस से जोगी के बाहर होने पर कांग्रेसी जंहा दहशत वाले मन से आतिशी खुशिया मना रहे है तो वही पूर्व मंत्री रामविचार नेताम के राज्यसभा भेजे जाने को लेकर पार्टी मे उनके कुछ विरोधी,  छत्तीसगढ की राजनीति से उनकी बेदखली की बात सोंच कर, वैसे ही खुश है जैसे जोगी के बाहर जाने पर कांग्रेस के लोगो मे खुशी है। वैसे जानकार सूत्र ये मान रहे है कि नेताम की राज्यसभा सदस्य के रुप मे ताजपोशी के पहले उनके लिए मंत्री पद तय कर लिया गया है और अगर ये सच है तो फिर उनकी बेदखली के मुगालते मे जी रहे लोगो को आने वाले दिनो मे मुफलिसी के दौर से गुजरना पड सकता है।

अगले विधानसभा मे नेताम हो सकता है मुख्यमंत्री का चेहरा

फिलहाल छत्तीसगढ से सांसद विष्णुदेव साय को ही केन्द्र मे केंद्रीय इस्पात व खनन राज्य मंत्री के रुप स्थान मिला था लेकिन अब राज्यसभा के रास्ते केन्द्र की राजनीति मे पंहुचे छत्तीसगढ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के कद्वार नेता रामविचार नेताम को भी केन्द्रीय मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाने लगे है और ऐसा शायद इसलिए क्योकि केन्द्रीय मंत्री के रुप मे नेताम के कद को बढाकर आला कमान आने वाले विधानसभा मे उनको मुख्यमंत्री के रुप मे पूरे तामझाम से साथ प्रोजेक्ट कर सके। गौरतलब है कि पिछले तीन पंचवर्षीय से छत्तीसगढ मे भाजपा की सरकार है जिससे लोग ऊबने लगे है ऐसे मे केन्द्रीय नेतृत्व इस तरह के प्रयोग कर सकता है। जो शायद भाजपा के स्वास्थ के लिए अच्छा हो सकता है।