जांजगीर चांपा । जिला कांग्रेस कमेटी में आपसी मतभेद एवं गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है ,आए दिन किसी न किसी विषय को लेकर पार्टी में वाद विवाद की स्थिति देखी एवं सुनी जाती है । जिसका खामियाजा अब नये जिलाध्यक्ष को भी उठाना पड़ रहा है। संगठन में गुटबाजी एवं तालमेल की कमी के चलते जिला कांग्रेस कमेटी की नए कार्यकारणी की लिस्ट लटकी हुई है। इधर कार्यकर्ताओ में कार्यकारिणी की घोषणा में हो रही देरी को लेकर मायूस है . वही जिलाध्यक्ष द्वारा लिस्ट जारी करने में लेटलतीफी की जा रही है. नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति तीन महीने से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक जिला कार्यकारिणी की घोषणा नहीं कर पाए हैं. सुनने में यह आ रहा है कि जिले में कांग्रेस पार्टी दो गुटों में बटी हुई है. जिसके चलते जिलाध्यक्ष भी असमंजस में हैं. आखिर किसकी सुनी जाए.. और किसे जिला कार्यकारिणी में जोड़ा जाए.. और किसे हटाया जाए.. असमंजस के कारण जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह सोच में पढ़े हुए हैं . जिसके चलते जिला कार्यकारणी की घोषणा नहीं हो पा रही है । जिला कांग्रेस कमेटी में वही पुरानी घिसी पिटी कार्यकारिणी के बदौलत संगठन चल रहा है. पद को लेकर वर्षों से पदाधिकारी जमे हुए हैं , ना पार्टी के प्रति किसी प्रकार की सक्रियता दिख रही है और ना ही संगठन में किसी प्रकार की गतिविधि दिखाई दे रही है। आपको बता दें की पूर्व जिलाध्यक्ष रश्मि गबेल के अध्यक्षता में जिस कार्यकारिणी की घोषणा हुई थी तब से लेकर आज तक वही पदाधिकारी जिला कांग्रेस कमेटी को चला रहे हैं। अभी तक तीन से चार जिलाध्यक्ष बदल गए लेकिन जिला कांग्रेस कमेटी में वही पुराने कार्यकारिणी के पदाधिकारी जमे हुए हैं। जिसके चलते कांग्रेसी पार्टी में नए कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिल पा रहा है। हालांकि सुनने में आया है कि जिला अध्यक्ष द्वारा आपसी तालमेल बैठाकर अपने बड़े नेताओं से सलाह मशवरा कर लिस्ट प्रदेश अध्यक्ष के पास अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है। जिलाध्यक्ष द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि इस बार जिला कांग्रेस कमेटी में नए फेरबदल हो सकते हैं, वही कुछ नए कार्यकर्ताओं को भी जिला कांग्रेस कमेटी में जगह मिल सकती है. वर्षों से जमे कार्यकर्ताओं को हटाया जा सकता है । अब देखना होगा कि जिलाध्यक्ष द्वारा जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारिणी की घोषणा कब तक करते हैं। और किस तरह गुटबाजी को दूर करते हुए आपसी तालमेल बैठा पाते हैं।
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