झिलमिली SECL हादसा : रेस्क्यू पर उठ रहे सवाल..खदान के अंदर और भी लोगों के फँसे होने की जता रहे आशंका!..

कोरिया. जिले के बैंकुठपुर क्षेत्र में स्थित झिलमिली खदान का एक हिस्सा धंस गया है.. जिससे खदान मे काम करने गए दो मजदूरो की दर्दनाक मौत हो गई है. हादस आज तडके करीब 3 बजकर 45 मिनट पर हुआ है. जिसके बाद 9 घंटे के रेस्कयु आपरेशन के बाद खदान मे दबे दो मजदूरो का शव निकाल लिया गया है. वही 18 लोग पहले ही सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए थे. प्रबंधन की लापरवाही से हुए इस बडे हादसे की पुलिस ने जांच शुरु कर दी है.. वही शव निकलते ही परिजनो ने मौत पर हंगामा शुरु कर दिया है.

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर पण्डोपारा स्थित साउथ ईस्टन कोल्ड फील्ड लिमिटेड की झिलमिली खदान का एक हिस्सा धसक गया. जिससे खदान के अंदर काम करने गए दो मजदूरों की मौत हो गई है. मृतकों मे कोरबा निवासी रूपनारायण और चिरमिरी का रहने वाला अख्तर हुसैन पिता अजगर अली शामिल हैं.. इधर खदान धसकने की खबर लगते ही एसईसीएल महकमे मे हडकंप मच गया. और आनन फानन मे बैंकुठपुर एसईसीएल के जनरल मैनेजर सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंच गए. साथ ही क्षेत्र की पटना थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.. जिसके बाद करीब 9 घंटे तक चले रेस्कयु आपरेशन के बाद दोनो मृतको का शव निकाला गया. कलेक्टर श्री सिंह के मुताबिक रेस्कयु के बाद अंदर कोई नही फंसा है, और मृतको के परिजनो को मुआवजा दिलवाने के साथ हादसे के कारणो की जांच एसईसीलएल की सक्षम ऐजेंसी से कराने की बात कही है..

कलेक्टर ने मुआवजा और जांच की बात कहकर मृतक के परिजनो को शांत कराने की कोशिश जरूर की , लेकिन जानकारो की माने तो ये हादसा एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है.. क्योकि लगातार बारिश और मेंटेनेंस की वजह से रूफ फांल मतलब छत गिर गई.. इतना ही नही झिलमिली भूमिगत खदान के जिस हिस्से मे ये हादसा हुआ है. उस हिस्से के पिलर भी काफी कमजोर हो चुके थे.. लेकिन दो निर्दोषो की जान जाने के इस मामले मे एसईसीएल के जनरल मनेजर अंजान बनने की कोशिश कर रहें हैं..

पुलिस, प्रशासन और एसईसीएल के अधिकारी शव निकलने के पहले मृतक के परिजनो का काफी मनाने समझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जैसे ही शव खदान के भीतर से बाहर निकला आक्रोशित परिजन अपने आप को नही रोक पाए और फिर शव देखकर जो हंगामा बरपा. उसको काफी समय तक कोई रोक नही पाया. दरअसल परिजन शव को पोस्टमार्टम से पहले खदान के अंदर मौत होने का देथ सर्टिफिकेट की मांग कर रहे थे. जिससे परिवार के किसी अन्य सदस्य को नौकरी मिल सके.. लेकिन एसईसीएल प्रबंधन ऐसा करने के लिए मानने को तैयार ही नहीं था.. हांलाकि काफी शोर शराबे के बीच पुलिस और प्रशासन की समझाईस के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया.. लेकिन हिंद मजदूर महासभा के नेता महेन्द्र मिश्रा ने एसईसीएल पर प्रबंधन पर लापरवारी करने के साथ अभी और लोगो के फंसे होने का आरोप लगाया है..

एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही से हुए हादसे को रोका जा सकता था.. अगर समय पर क्षतिग्रस्त हिस्से का रखरखाव कर लिया जाता ..बहरहाल एक तरफ मृतक के परिजन जहां अपने घर का पालन पोषण करने वाला खोकर सदमे मे हैं, तो वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधी और एसईसीएल कर्मचारी संगठन के लोग अभी और भी कर्मचारी फंसे होने की बात कह कर एसईसीएल के रेस्कयु पर सवाल उठा रहें हैं..

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