जांजगीर चांपा विधानसभा के भाजपा में गुटबाजी हावी,सांसद,विधायक,संगठन अलग थलक….

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.जिला भाजपा पदाधिकारी ओ में ज्यादा गुटबाज़ी

जांजगीर। जांजगीर चांपा विधानसभा में भाजपा में भारी गुटबाजी हावी है, यहां संगठन के अलावा संसद,विधायकों के अलग-अलग गुट नजर आते है। संगठन की बात करें तो युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष की अलग गुट है, तो जिला भाजपा महामंत्रीयों में अमर सुल्तानिया और प्रशंात सिंह अलग गुट मे नजर आते हैं। इस तरह जिले में भाजपा मे गुटबाजी चरम पर है। इसी प्रकार की गुटबाजी अगर आने वाले चुनाव मे रही तेा जांजगीर चांपा विधान को जीत पाना कठीन हो सकता हैं। शहर मे इसी गुटबाजी का नतीजा है कि यहां दर्जनों की संख्या मे विधानसभा चुनाव के लिए दावेदार अपनी दावेदारी का प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद गुट से देखा जाय तो ब्यास कश्यप,व कर्तीकेश्वर स्वर्णकार दावेदारी कर रहे है। वही दुसरी ओर जिला भाजपा के महामंत्री अमर सुल्तानिया अपने दावेदारी मजबुत कर रहे है। इसके अलावा नारायण चंदेल,बिसुन कश्यप,नंदनी राजवाडे,संतोष मोदी,शेखर चंदेल,दर्जनो नाम दावेदारी मे सामने आ रहे है। इसके पहले भाजपा द्वारा चलाये जा रहे जनसंपर्क कार्यक्रम में गुटबाजी देखने को मिला कि सभी अपने तरीके से अपना दौरा कार्यक्रम का प्रेस विप्ज्ञति जारी कर रहे थे। इसी प्रकार शहर के भाजपा मे गुटबाजी हावी रही तो हो सकता भाजपा का सुपड़ा जांजगीर चांपा विधान सभा से साफ हो जाय। भाजपा कार्यकर्ताओ में आपसी मतभेद केा भुलाकर संगठन व पार्टी के अनुरूप कार्य करना होगा। तभी भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मे 65 प्लस को पूरा कर सकती है अन्यथा कर्नाटक की स्थिति से सभी अवगत हो गये हैं। इस विधानसभा में देखा गया है कि यहां के विकास कार्यो का भूमिपूजन हो लोकार्पण, सभी अपने -अपने मे श्रेय लेने का होड़ लगा रहता है। दुसरी ओर भाजपा एक अनुशासन पार्टी मानी जाती है शीर्ष नेतृत्व सब को स्वाकीर करना पड़ता है। लेकिन जांजगीर चांपा विधान सभा मे ऐसा नजर नही आता है। जब इस विधान सभा मे कोई प्रदेश पदाधिकारी का आगमन होता है तभी सभी संगठन के लोग एकजुट दिखते हैं, पर बाकी समय एक दुसरे को नीचे गिराने के लिए गुणा भाग मे लगे रहते है।