इंसान से लम्बी लौकी..जानिये क्या है इस लौकी की लम्बाई का राज..?

सतना 
कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता, ‘एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो,, सतना में आदम कद सात फिट लौकी का सफल उत्पादन कर शोधकर्ताओ ने यह कर दिखाया है, सतना के एक निजी शिक्षा संस्थान के पॉली हाउस में “नरेंद्र शिवानी” किस्म की लौकी का सफल शोध किया गया है, उत्सुकता और कौतूहल का विषय बनी इस सात फिट की लौकी को देखने सतना की पूरी मिडिया पहुँच गयी, अपने किस्म की सात फिट लौकी म.प्र. में पहली बार पैदा करने का दावा किया जा रहा है, पॉली हाउस में मचान पद्धती से पैदा की गयी इन लौकियो को देखकर निश्चित तौर पर आनंद की अनुभूति होती है, इस किस्म की लौकी पैदावार करने से किसान आर्थिक रूप से संपन्न तो होंगे ही लौकी को सुखाकर वाद्य यंत्र भी बनाये जा सकते है, इस तरह आम के आम गुठलियों के दाम वाली बात साबित हो सकेगी, इस नये और सफल शोध से बेहद खुश कालेज प्रबंधन लौकी के बीज उत्पादित कराकर न सिर्फ किसानों को फ्री उपलब्ध कराने बल्कि शोधकर्ता छात्रों और प्रोफेसरों को किसान के खेत भेजकर तकनिकी रूप से मदद करने की घोषणा कर दी है, अन्य देशी किस्म की लौकी की बजाय इसके बीज से कई गुना लौकी की पैदावार की जा सकती है, शोधकर्ताओं ने अपने इस सफल शोध को कलेक्टर और कृषी विभाग को भी अवगत कराया है, जल्द ही प्रदेश सरकार लौकी के इस किस्म को प्रदेश के किसानों को मुहैय्या कराएगी, अपने कामयाब शोध से शिधकर्ता बेहद खुश है और इस लौकी से जुडी विशेषता का बखान कर रहे है, कृषी विज्ञान के डायरेक्टर इस लौकी के शोध और पैदावार को प्रदेश में पहली बार उत्पादन होना बता रहे है, कालेज प्रबंधन अपनी इस कामयाबी से बेहद खुश है और बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी ईजाद लौकी की विशेषता को न सिर्फ बता रहा है बलिक किसानों को निःशुल्क बीज देकर तकनिकी मदद की बात भी कह रहा है ।
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प्रोफ़ेसर शिवपूरन ने बताया कि नरेंद्र सिवानी(किस्म का नाम) को लगाने का समय मध्य जुलाई है, लेकिन पोली हॉउस में हम इसे अगस्त में महीने में लगाने के बाद भी सफल हुए है, इससे बीज तो तयार हुआ ही साथ में लंबाई भी अच्छी खासी निजाद हुयी है, इस लोकी ना केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि इस किस्म की लोकी को सुखा कर कई वाद यन्त्र और घरेलू साजो सामान भी बना सालके है, साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश में अब तक इतनी बड़ी लोकी नहीं पैदा की गयी है, इस प्रयोग में हम सफल हुए है, इससे तयार बीज जब किसानों के खेतों में बोये जायेंगे तो अच्छी पैदावार और 7 फिट तक की लौकी हमें उत्पादन में मिलेगी।